नासा का यह साइक मिशन अगस्त, 2022 में लॉन्च होने वाला पहला ऐसा मिशन होगा जो मुख्य क्षुद्रग्रह बेल्ट में एक विशाल धातु क्षुद्रग्रह (16) साइक के बारे में पता लगाएगा. यह क्षुद्रग्रह मानस (एस्टेरोइड साइक) मंगल और बृहस्पति के बीच सूर्य की परिक्रमा कर रहा है. यह साइक मिशन प्रारंभिक सौर मंडल का पता लगाने के लिए नासा के दो मिशनों में से एक है. लुसी मिशन एक और ऐसा मिशन है जो सितंबर, 2021 में बृहस्पति के ट्रोजन क्षुद्रग्रहों का पता लगाने और प्रारंभिक सौर मंडल का अध्ययन करने के लिए भेजा गया है.
नासा के साइक मिशन के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी
नासा का साइक मिशन पहला ऐसा मिशन है जो एक अद्वितीय विशाल धातु से बने एस्टेरोइड साइक का पता लगाएगा जो मंगल और बृहस्पति ग्रहों के बीच में सूर्य की परिक्रमा कर रहा है. साइक मिशन का नेतृत्व एरिज़ोना स्टेट यूनिवर्सिटी द्वारा किया जा रहा है. नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी मिशन प्रबंधन, नेविगेशन और संचालन पर ध्यान देगी. 04 जनवरी, 2017 को प्रारंभिक सौर मंडल का पता लगाने के लिए साइक मिशन को नासा के दो मिशनों में से एक मिशन के तौर पर चुना गया था.
साइक मिशन: कार्यक्रम की समयावधि
लॉन्च: अगस्त, 2022
साइक एस्टेरोइड पर आगमन: वर्ष, 2026
साइक एस्टेरोइड की अवलोकन अवधि: 21 महीने (साइक एस्टेरोइड का अध्ययन और मानचित्रण)
साइक मिशन: कार्यक्रम के महत्त्वपूर्ण पहलू
वर्ष, 2022: कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से साइक अंतरिक्ष यान का प्रक्षेपण
वर्ष, 2023: मंगल ग्रह के पास से उड़ान
वर्ष, 2026: साइक एस्टेरोइड पर पहुंचना और इस एस्टेरोइड पर 21 महीने बिताना.
साइक मिशन पर लगे वैज्ञानिक उपकरण
(i) एक्स-बैंड ग्रेविटी साइंस इन्वेस्टिगेशन
(ii) मल्टीस्पेक्ट्रल इमेजर
(iii) गामा रे और न्यूट्रॉन स्पेक्ट्रोमीटर
(iv) मैग्नेटोमीटर
साइक मिशन के उद्देश्य
(i) यह समझने का प्रयास करना कि, कैसे ग्रह और अन्य पिंड कोर, मेंटल और क्रस्ट सहित अपनी परतों में अलग तौर पर निर्मित हो गए.
(ii) पहली बार किसी ऐसे एस्टेरोइड का परीक्षण करना जो चट्टान और बर्फ से नहीं, बल्कि किसी धातु से बना है.
(iii) हमारे सौर मंडल के प्रारंभिक युगों के बारे में पता लगाना.
एस्टेरोइड साइक के बारे में विवरण
साइक ऐसा 16 वां एस्टेरोइड है जिसे वर्ष, 1852 में इतालवी खगोलशास्त्री एनीबेल डी गैस्पारिस द्वारा खोजा गया था. उन्होंने प्राचीन ग्रीक पौराणिक कथाओं में आत्मा की देवी के नाम पर इस एस्टेरोइड को नाम साइक दिया. यह 130 मील (210 किलोमीटर) व्यास वाला एस्टेरोइड पृथ्वी की तुलना में सूर्य से 03 गुना दूर है.
बर्फ या चट्टान से बने अन्य क्षुद्रग्रहों/ एस्टेरोइड्स के विपरीत, साइक एस्टेरोइड ज्यादातर लोहे और निकल धातु से बना हुआ है जो पृथ्वी के मूल के समान ही निर्मित हुआ है. वैज्ञानिकों का ऐसा मानना है कि, साइक एस्टेरोइड मंगल ग्रह जितना बड़ा किसी प्रारंभिक ग्रह का एक खुला अन्तर्भाग (कोर) हो सकता है, लेकिन अरबों साल पहले अनंत हिंसक टक्करों के कारण इसकी बाहरी चट्टानी परतें नष्ट हो गई होंगी.
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