National Technology Day in Hindi: भारत में प्रत्येक साल 11 मई को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया जाता है. यह दिन भारत की विज्ञान में दक्षता एवं प्रौद्योगिकी में विकास को दर्शाता है. इस दिन राष्ट्र गौरव के साथ-साथ देश अपने वैज्ञानिकों की उपलब्धियों को भी याद करता है.
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय इस दिन प्रत्येक साल राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाता है. प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान मंत्रालय के द्वारा उनके विभाग में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं. इस दिवस को तकनीकी रचनात्मकता, वैज्ञानिक जांच, उद्योग और विज्ञान के एकीकरण में किये गये प्रयास के प्रतीक माना जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा कि 'राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस पर, हमारा राष्ट्र उन सभी को सलाम करता है जो दूसरों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहे हैं. हमें साल 1998 में इस दिन हमारे वैज्ञानिकों की असाधारण उपलब्धि याद है. यह भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण था.
भारत यह दिवस क्यों मनाता है?
भारत में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी से सम्बन्धित संस्थानों में भारत की प्रौद्योगीकीय क्षमता के विकास को बढ़ावा देने के लिए इस दिवस को मनाते हैं. इस दिन भारत में निर्मित देश के पहले एयरक्राफ्ट हंस 3 ने 11 मई को सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया था. भारत में बना त्रिशूल मिसाइल का सफल परीक्षण भी 11 मई को हुआ था. इसलिए भारत राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस प्रत्येक साल मनाता है.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के बारे में
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस की शुरुआत साल 1998 में हुए पोखरण परमाणु टेस्ट से हुई थी. भारत ने साल 1998 में '11 मई' के दिन ही अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में अपना दूसरा सफल परमाणु परीक्षण किया था. यह परमाणु परीक्षण पोखरण, राजस्थान में किया गया था. प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में एक बहुत बड़ी उपलब्धि प्राप्त होने के उपलक्ष्य में ही राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस मनाया जाता है.
पोखरण– 2 परमाणु परीक्षण के बारे में
भारत ने साल 1998 में राजस्थान के पोखरण में तीन परमाणु परीक्षण करने का घोषणा किया था. पहला परमाणु परीक्षण मई 1974 में किया गया था जिसका कोड नाम ‘स्माइलिंग बुद्धा’ था. भारत द्वारा शक्ति -1 नामक परमाणु मिसाइल का सफल परीक्षण 01 मई 1998 को किया गया था. राजस्थान के पोखरण परमाणु स्थल पर पांच परमाणु परीक्षण 11 और 13 मई 1998 को किये गये थे.
राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार
भारत के राष्ट्रपति इस अवसर पर राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी पुरस्कार भी प्रदान करते हैं. यह पुरस्कार इस क्षेत्र में अभूतपूर्व काम करने वाले व्यक्ति को दिया जाता है.
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