National War Memorial: देश आज (25 फरवरी 2022) राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की तीसरी वर्षगांठ मना रहा है. इस अवसर पर नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर श्रद्धांजलि अर्पित की.
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की तीसरी वर्षगांठ पर जापान मैरीटाइम सेल्फ डिफेंस फ़ोर्स (जेएमएसडीएफ) के स्टाफ चीफ एडमिरल हिरोशी यामामुरा ने भी श्रद्धांजलि दी. बता दें, वीर सैनिकों के बलिदान के प्रमाण के रूप में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक 25 फरवरी 2019 को राष्ट्र को समर्पित किया गया था.
Delhi | Indian Air Force Chief Air Chief Marshal Vivek Ram Chaudhari, Navy Chief Admiral R Hari Kumar and Army Vice Chief Lt Gen Manoj Pande today laid wreaths at the National War Memorial on its third anniversary today. It was dedicated to the Nation on Feb 25, 2019. pic.twitter.com/4S8hXcIhNM
— ANI (@ANI) February 25, 2022
राष्ट्रीय युद्ध स्मारक से जुड़ी 10 खास बातें
1. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन 25 फरवरी 2019 को किया गया था. यह युद्ध स्मारक देश के लिए शहीद होने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि के रूप में समर्पित है.
2. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक को साल 1947 के बाद लड़े गए पांच युद्ध, काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन, उग्रवाद के विरुद्ध जारी अभियानों में शहीद हुए कुल 26 हजार से अधिक भारतीयों की याद में बनाया गया है.
3. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर उन 25,942 सैनिकों के नाम लिखे गये हैं जो आजादी के बाद देश के लिए शहीद हुए हैं.
4. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक उन युद्ध नायकों को समर्पित है जिन्होंने साल 1962 में भारत-चीन युद्ध, साल 1947, साल 1965 और साल 1971 में भारत-पाक युद्ध, श्रीलंका में भारतीय शांति सेना के संचालन और साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान अपने जान न्योछावर कर दिए थे.
5. यह उन सैनिकों को भी याद करता है जो संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन, मानवीय सहायता आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन और उग्रवाद विरोधी अभियानों में शहीद हुए थे.
6. अमर जवान ज्योति लौ को 21 जनवरी, 2022 को एक भव्य समारोह में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में शाश्वत लौ के साथ मिला दिया गया था.
7. राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में चार संकेंद्रित वृत्त शामिल हैं जहां प्रत्येक चक्र अमर चक्र (अमरता का चक्र) सहित सशस्त्र बलों के विभिन्न मूल्यों को दर्शाता है, जिसमें ओबिलिस्क और शाश्वत लौ शामिल है।
8. अन्य चक्रों में वीरता चक्र (बहादुरी का चक्र) शामिल है, जिसमें विभिन्न युद्ध क्रियाओं को दर्शाते हुए छह कांस्य भित्ति चित्र हैं.
9. तीसरा चक्र त्याग चक्र (बलिदान का चक्र) है, जो पूरी तरह से ग्रेनाइट ईंटों से बना है, प्रत्येक स्वतंत्रता के बाद से शहीद सैनिक के नाम पर है.
10. चौथा है रक्षक चक्र (सुरक्षा का चक्र), जो अन्य तीन चक्रों को घेरता है और इसमें 600 से अधिक पेड़ होते हैं जो देश की रक्षा करने वाले सैनिकों का कार्य और प्रतिनिधित्व करते है.
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