नवरोज मुबारक 2021: जानिये पारसी नव वर्ष के इतिहास और मह्त्त्व के बारे में यहां

Aug 16, 2021, 14:52 IST

नवरोज़ मुबारक: पारसी नव वर्ष को नवरोज़ के रूप में भी जाना जाता है जो फ़ारसी शब्द 'नव' और 'रोज़' से बना है जिसका अर्थ है 'नया दिन'.

Navroz Mubarak 2021: History, Significance and other details about Parsi New Year
Navroz Mubarak 2021: History, Significance and other details about Parsi New Year

पारसी नव वर्ष एक क्षेत्रीय त्यौहार है जो फरवारदीन के पहले दिन मनाया जाता है और जोकि, पारसी कैलेंडर का पहला महीना है. इस त्यौहार को नवरोज के नाम से भी जाना जाता है जो फारसी शब्द 'नव' और 'रोज' से बना है और जिसका अर्थ है 'नया दिन'.

पारसी नव वर्ष का उत्सव हर साल 21 मार्च के आसपास वसंत विषुव/ इक्वीनॉक्स के आसपास होता है.

हालांकि, भारत में पारसी समुदाय शहंशाही कैलेंडर का पालन करता है जिसमें लीप वर्ष नहीं होता है, और इसलिए नवरोज का उत्सव अब वसंत विषुव की अपनी मूल तिथि से 200 दिनों के लिए स्थानांतरित हो गया है.

भारत में आजकल पारसी नव वर्ष जुलाई और अगस्त के महीने में मनाया जाता है. नवरोज 2021 भारत में आज अर्थात 16 अगस्त 2021 को मनाया जा रहा है.

नवरोज मुबारक! पारसी समुदाय के लोगों ने भारत के विकास और प्रगति के कई पहलुओं में अपार योगदान दिया है. यह पारसी नव वर्ष सभी के जीवन में एकता, समृद्धि और खुशी लाए और हमारे नागरिकों के बीच सद्भाव और बंधुत्व की भावना को और मजबूत करे.

- भारत के राष्ट्रपति

पारसी नव वर्ष का इतिहास

सबसे पहले ज्ञात एकेश्वरवादी विश्वासों में से एक, पारसियों द्वारा पारसी धर्म का अभ्यास किया जाता है. इस विश्वास का निर्माण 3,500 साल पहले प्राचीन ईरान में पैगंबर जरथुस्त्र द्वारा किया गया था.

पारसी धर्म 650 ईसा पूर्व से 07वीं शताब्दी में इस्लाम के उदय तक फारस (अब ईरान) का आधिकारिक धर्म था. यह 1,000 से अधिक वर्षों से प्राचीन दुनिया में सबसे महत्त्वपूर्ण धर्म भी था.

जब इस्लामी सैनिकों ने फारस पर आक्रमण किया, तो कई पारसी भारत में गुजरात और पाकिस्तान की तरफ़ भाग गए. पारसी भारत में सबसे बड़ा एकल समूह है, दुनिया भर में अनुमानित 2.6 मिलियन पारसी हैं.

महत्त्व

बस्टनई/ फ़सली कैलेंडर, जो वसंत विषुव/ इक्वीनॉक्स पर नये वर्ष की शुरुआत का दिन है, का उपयोग पारसी नव वर्ष मनाने के लिए ईरान सहित कई मध्य पूर्वी देशों में पारसी लोगों द्वारा किया गया था.

नवरोज मुबारक: कैसे मनाया जाता है यह दिन

पारसी नव वर्ष पर, पारसी लोग अपने घरों की सफाई करते हैं और उन्हें फूलों और रंगोली से सजाने के साथ ही उत्सव मनाने के लिए मेहमानों को अपने घर पर आमंत्रित करते हैं.

पारसी समुदाय नाश्ते के बाद अग्नि मंदिर में जाता है और पारंपरिक पारसी पोशाक पहनता है. वे भगवान को धन्यवाद देने, क्षमा मांगने और समृद्धि के लिए, जशन नाम से  जानी जाने वाली प्रार्थना करते हैं. इस दिन प्रसाद के रूप में जल, दूध, फूल, फल और चंदन पवित्र अग्नि में अर्पित किया जाता है.

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