केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने अभी हाल ही में यह कहा है कि, देश में सड़क बनाने के लिए पेड़ों की कटाई के कारण पारिस्थितिक नुकसान की भरपाई के लिए, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पूरे देश में 2.23 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं.
मंत्री ने राज्यसभा को दिये एक लिखित उत्तर में यह कहा कि वर्ष, 2017 से NHAI द्वारा लगाए गए पौधों की कुल संख्या 2.23 करोड़ है और मार्च, 2021 तक पूरी हुई 94 राजमार्ग परियोजनाओं में 55.1 लाख पौधे भी लगाए गए हैं.
उन्होंने यह भी कहा है कि, NHAI ने यह सुनिश्चित किया है कि मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्गों को चौड़ा करने के लिए कम से कम पेड़ों की कटाई की जाए. सभी पेड़ों की कटाई या तो वन विभाग या वन निगम द्वारा या ठेकेदार द्वारा उपयुक्त अधिकारियों से पेड़ काटने की अनुमति प्राप्त करने के बाद की जाती है.
पारिस्थितिक नुकसान की भरपाई के लिए या तो ठेकेदार द्वारा अनुबंध के दायरे में या वन विभाग के माध्यम से जमा कार्य के रूप में मध्य और सड़क के किनारे वृक्षारोपण किया जा रहा है. उन्होंने फिर कहा, "इसके अलावा, निजी एजेंसियों और गैर सरकारी संगठनों द्वारा प्रतिस्पर्धी बोली के माध्यम से वृक्षारोपण कार्य भी किया जा रहा है. इसके अलावा, वैधानिक अनुपालन के लिए वन विभाग द्वारा भी प्रतिपूरक वनीकरण किया जा रहा है."
हरित राजमार्ग परियोजना
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने वर्ष, 2015 में नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में हरित राजमार्ग (वृक्षारोपण, प्रत्यारोपण, सौंदर्यीकरण और रखरखाव) नीति, 2015 का शुभारंभ किया था. इस नीति का उद्देश्य विभिन्न समुदायों, किसानों, निजी क्षेत्रों, गैर सरकारी संगठनों और सरकारी संस्थानों की भागीदारी के साथ राजमार्ग गलियारों की हरियाली को बढ़ावा देना है.
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हरित राजमार्ग नीति, 2015 की मुख्य विशेषताएं
- किसानों, निजी क्षेत्रों और वन विभाग सहित सरकारी संस्थानों की भागीदारी के साथ देश भर में पर्यावरण के अनुकूल राष्ट्रीय राजमार्ग गलियारों को बढ़ावा देना और विकास करना.
- यह नीति ऐसे मुद्दों का समाधान करेगी जो विकास की राह रोकते हैं और सतत विकास का मार्ग प्रशस्त करेगी.
हरित राजमार्ग नीति का उद्देश्य
राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे पेड़ और झाड़ियां लगाकर वायु प्रदूषण और धूल के प्रभाव को कम करना. पेड़-पौधे वायु प्रदूषकों के लिए प्राकृतिक सिंक के रूप में कार्य करेंगे और तटबंध ढलानों पर मिट्टी के कटाव को भी रोकेंगे.
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