निर्मला सीतारमण ने नई दिल्ली में 07 सितम्बर 2017 को रक्षा मंत्रालय का कार्यभार संभाल लिया. वह देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री हैं. इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी भी रक्षा मंत्री रह चुकी हैं लेकिन उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार अपने पास रखा.
रक्षा मंत्री सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी का हिस्सा होता है, जो देश की रक्षा और सुरक्षा की सबसे बड़ी कमेटी होती है. प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली इस कमेटी में रक्षा मंत्री के अलावा गृहमंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री ही सदस्य होते हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी इस कमेटी के (गेस्ट) मेम्बर होते हैं.
मोदी मंत्रिपरिषद के विस्तार एवं फेरबदल में सीतारमण को प्रोन्नत कर रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई. इससे पहले वह उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री थी. उन्हें अरुण जेटली के स्थान पर रक्षा मंत्री बनाया गया. जो वित्त मंत्रालय के साथ साथ रक्षा मंत्रालय का भी काम देख रहे थे. रायसीना हिल्स पर साउथ ब्लॉक में वित्त मंत्री अरूण जेटली ने उन्हें रक्षा मंत्री का पदभार सौंप दिया.
मनोहर पार्रिकर को गत वर्ष मार्च में गोवा का मुख्यमंत्री बनाए जाने के बाद रक्षा मंत्रालय का प्रभार अरुण जेटली को सौंप दिया गया. चीन और पाकिस्तान से लगी सीमा पर पिछले कुछ समय से चल रहे घटनाक्रमों को देखते हुए सीतारमण की नियुक्ति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
सीतारमण के राजनीतिक कैरियर के बारे में-
- निर्मला सीतारमण वर्ष 2008 में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह दी गयी.
- मार्च 2010 में पार्टी का प्रवक्ता बनाया गया जहाँ से उनके करियर ने उड़ान भरी और मोदी सरकार के सत्ता में आते ही उन्हें बतौर राज्य मंत्री मंत्रिपरिषद में जगह दी गई.
- उनका जन्म तमिलनाडु के मदुरई जिले में 18 अगस्त 1959 को हुआ था.
- उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्व विद्यालय में दाखिला लिया.
- उन्होंने अर्थशास्त्र में स्नातकोत्तर और 'इंडो-यूरोपीयन टेक्सटाइल ट्रेड’ विषय में पीएचडी की. उन्होंने अर्थशास्त्री के रूप में भी काम किया.
- वह लंदन के एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग एसोसिएशन में सहायक अर्थशास्त्री रहीं. इसके बाद लंदन में ही प्राइस वाटरहाउस में वरिष्ठ प्रबंधक (अनुसंधान एवं विश्लेषण) के रूप में काम किया. वह बीबीसी वर्ल्ड सर्विस में भी सेवाएँ देती रहीं.
- भारत लौटने पर वह हैदराबाद की सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी स्टडीज से जुड़ीं और ‘प्रणव’ नाम से एक स्कूल की स्थापना की.
- वर्ष 2003 से 2005 के बीच वह राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य भी रहीं.
रक्षा मंक्षी निर्मला सीतारमण का पहला काम
देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री के तौर पह निर्मला सीतारमण ने सेना के आधुनिकीकरण से जुड़ा फैसला लिया है. पदभार संभालने के तुरंत बाद मीडिया को संबोधित करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि वे रक्षा मंत्री के तौर पर सेनाओं के आधुनिकिरण और सैनिकों के कल्याण के लिए काम करेंगी.
पदभार संभालने के तुंरत बाद ही ही निर्मला सीतारमण रक्षा मंत्रालय के करीब डीआरडीओ हेडक्वार्टर में केन्द्रीय पुलिसबलों को जरूरी साजों-सामान देने के एक कार्यक्रम में पहुंच गईं, जिसमें गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने भी शिरकत की. ये सभी हथियार, राइफल, बुलेट प्रुफ जैकैट, बुलेटप्रुफ बस, एटीवी भारत में ही मेक इन इंडिया के तहत तैयार की गई हैं. कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होनें मेक इन इंडिया पर जोर दिया.
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