नीति आयोग ने हाल ही में कुपोषण को देश के विकास में रोड़ा बताते हुए कहा है कि तीव्र आर्थिक वृद्धि तबतक हासिल नहीं की जा सकती जब तक पोषण सुरक्षा का लक्ष्य हासिल नहीं किया जाता. नीति आयोग ने कुपोषण मुक्त भारत के लिए राष्ट्रीय पोषण रणनीति पेश की है. इसमें इस समस्या पर अंकुश लगाने हेतु राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तर्ज पर राष्ट्रीय पोषण मिशन के गठन समेत व्यापक प्रस्ताव किये गये हैं.
नीति आयोग के रणनीति के अनुसार वर्ष 2030 तक सभी प्रकार के कुपोषण को समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया हैं. इसके अलावा देश की पोषण चुनौतियों पर प्रधानमंत्री की राष्ट्रीय परिषद का विस्तार कर उसमें केंद्रीय मंत्रियों और नीति आयोग के उपाध्यक्ष के अलावा राज्यों के मुख्यमंत्रियों को शामिल करने का भी प्रस्ताव किया गया है.
रणनीति में नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस-4) के हवाले से कहा गया है वर्तमान में पांच साल से कम उम्र के 35.7 प्रतिशत बच्चे कुपोषित और कम वजन के हैं जबकि 15 से 49 वर्ष के 53.1 प्रतिशत महिलाएं खून की कमी से पीड़त हैं.
राष्ट्रीय पोषण रणनीति के अनुसार राष्ट्रीय पोषण मिशन के तहत विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं के कार्यान्वयन और दिशा-निर्देश उपलब्ध कराने के लिए एनएनएमएसजी प्रमुख निकाय होगा.
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीइओ) अमिताभ कांत पिछले सप्ताह राष्ट्रीय पोषण रणनीति पेश किये जाने के मौके पर कहा की यह अनुमान है कि देश में अब भी एक तिहाई बच्चे कुपोषण के शिकार हैं. उन्होंने कहा की उच्च आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए कुपोषण की समस्या दूर करना जरूरी है.
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