सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में लोन मोरेटोरियम की तारीख को 28 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने लोगों को बड़ी राहत दी है. इसका मतलब है कि लोगों के लिए अपने कर्ज की ईएमआई का इस तारीख तक भुगतान करना जरूरी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को ठोस फैसला लेने के लिए 2 हफ्ते का समय दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों से कहा कि इस अवधि में लोन की अदायगी ना होने पर भी अकाउंट को एनपीए घोषित नहीं किया जाए. कोरोना की महामारी से लोगों की आर्थिक स्थिति पर असर पड़ा था. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इससे राहत देने के लिए लोन पर मोरेटोरियम देने का फैसला किया था.
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मोरेटोरियम के दौरान लोन के ब्याज पर ब्याज नहीं वसूलने की याचिका पर विचार करने के लिए कहा है. याचिका में इस दौरान कर्ज लेने वालों की क्रेडिट रेटिंग या एसेट क्लासिफिकेशन को नहीं बदलने की भी अपील की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आरबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों से इस मसले पर सलाह लेने के लिए कहा है. उससे सभी उठाए गए मुद्दों पर कोई ठोस समाधान निकालने को भी कहा गया है.
अगली सुनवाई 28 सितंबर को
10 सितम्बर 2020 को जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि मोरेटोरियम पर फैसला लेने के लिए केंद्र सरकार और आरबीआई को यह अंतिम मौका दिया जा रहा है. साथ ही कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम को 28 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस अवधि तक बैंक किसी भी लोन की किस्त न चुकाने पर नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) घोषित न करें. अगली सुनवाई 28 सितंबर 2020 को ही होगी.
लोन मोरेटोरियम की सुविधा
आरबीआई ने कोरोना संक्रमण के आर्थिक असर को देखते हुए मार्च में तीन महीने के लिए मोरेटोरियम सुविधा दी थी. यह सुविधा 1 मार्च से 31 मई तक तीन महीने के लिए लागू की गई थी. बाद में आरबीआई ने इसे तीन महीनों के लिए और बढ़ाते हुए 31 अगस्त तक के लिए कर दिया था. यानी कुल 6 महीने की मोरेटोरियम सुविधा दी गई है. यह सुविधा 31 अगस्त को खत्म हो गई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम को 28 सितंबर तक के लिए बढ़ा दिया है.
क्या है लोन मोरेटोरियम?
जब किसी प्राकृतिक या अन्य आपदा के कारण लोन लेने वालों की वित्तीय हालत खराब हो जाती है तो लोन देने वालों की तरफ से भुगतान में कुछ समय के लिए मोहलत दी जाती है. कोरोना महामारी के कारण देश में भी लॉकडाउन लगाया गया था. इस कारण बड़ी संख्या में लोगों के सामने रोजगार का संकट पैदा हो गया था. आरबीआई ने इस संकट से निपटने के लिए 6 महीने के मोरेटोरियम की सुविधा दी थी. इस अवधि के दौरान सभी प्रकार के लोन लेने वालों को किस्त का भुगतान करने की मोहलत मिल गई थी.
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