संसद ने राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक पारित किया

Jan 4, 2019, 11:21 IST

लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) अधिनियम 1993 में संशोधन के लिए यह इस विधेयक लाया गया है.

Parliament passes National Council for Teacher Education (Amendment) Bill
Parliament passes National Council for Teacher Education (Amendment) Bill

राज्यसभा में 03 जनवरी 2019 को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (संशोधन) विधेयक-2019 पास हो गया. इस विधेयक के पारित होने पर अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम संचालित करने वाले कुछ संस्थानों को पूर्व प्रभाव से मान्यता प्रदान देने का जिक्र है.

लोकसभा में यह विधेयक पहले ही पारित हो चुका है. राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) अधिनियम 1993 में संशोधन के लिए यह इस विधेयक लाया गया है.

 

विधेयक से संबंधित मुख्य तथ्य:

   विधेयक के तहत नए पाठ्यक्रम शुरू करने की अनुमति भी पूर्व प्रभाव से प्रदान की जाएगी.

•   सदन में पेश किए विधेयक में एनसीटीई की स्थापना के बाद से लेकर अकादमिक वर्ष 2017-18 तक अध्यापक शिक्षा पाठ्यक्रम प्रदान करने वाले संस्थानों को पूर्व प्रभाव से मान्यता प्रदान की गई है.

•   विधेयक में नए पाठ्यक्रम शुरू करने या निर्धारित शर्तो को पूरा करने वाले संस्थानों को अध्यापक शिक्षा प्रशिक्षण की अनुमति पूर्व प्रभाव से देने का जिक्र है.

   इस विधेयक के कानून बनने से बीएड, डीएड, एमएड तथा कई अन्य पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर चुके उन विद्यार्थियों को राहत मिलेगी जिनके संस्थान के पाठ्यक्रमों को राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से मान्यता प्राप्त नहीं थी.

   सरकार बी. एड़ शिक्षा के नये शिक्षण संस्थानों को अनुमति नहीं दे रही है. वर्ष 2020 से केवल एकीकृत बी.एड़ डिग्री की पढ़ाई होगी लेकिन मान्यता दोनों पाठ्यक्रमों की होगी. कुछ समय तक दोनों पाठ्यक्रम रहेंगे और इसके बाद इनके बारे में फैसला होगा.

   मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने विधेयक पर जवाब देते हुए कहा कि पूर्व प्रभाव से अनुमति प्रदान करना आवश्यक था क्योंकि गैर-मान्यता प्राप्त संस्थानों से पाठ्यक्रम पूरा करने वाले हजारों छात्रों की डिग्री को कहीं मान्यता नहीं मिलने से उनका भविष्य खतरे में पड़ जाता. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले तीन साल के दौरान किसी नए बीएड (अध्यापक प्रशिक्षण) महाविद्यालय को कोई मंजूरी प्रदान नहीं की गई है.

 

महत्व:

इस विधेयक का मकसद एक विसंगति को दूर करना है. कुछ केंद्रीय एवं राज्य विश्वविद्यालयों ने बिना अनुमति के बी. एड़ की शिक्षा शुरू की थी और छात्रों को उपाधि दी गयी थी. यह प्रकरण वर्ष 2011-12 से लेकर 2016-17 तक चला. देश भर में लगभग 17 हजार बीएड डिग्रीधारकों की डिग्री अमान्य घोषित किये जाने के संकट से बचाने के लिये कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है.

 

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के बारे में:

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) भारत सरकार की एक संस्था है, जिसकी स्थापना राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद अधिनियम, 1993 में की गई थी. इसका उत्तरदायित्व भारतीय शिक्षा प्रणाली के मानक, प्रक्रियाएं एवं धाराओं की स्थापना एवं निरीक्षण करना है.

राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा प्ररिषद का मूल उद्देश्य समूचे भारत में अध्यापक शिक्षा प्रणाली का नियोजित और समन्वित विकास करना, अध्यापक शिक्षा प्रणाली में मानदंडों और मानको का विनियमन तथा उन्हे समुचित रूप से बनाये रखना और तत्संबंधी विषय हैं.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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