Pegasus Case: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पेगासस जासूसी (Pegasus Spyware) मामले में स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिकाओं पर 27 अक्टूबर 2021 को फैसला सुनाया. बता दें कि कोर्ट में दायर याचिकाओं में स्वतंत्र जांच की मांग की गई थी. चीफ जस्टिस एनवी रमणा, जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने इसपर फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि लोगों की विवेकहीन जासूसी बिल्कुल मंजूर नहीं है.
पेगासस जासूसी मामले (Pegasus Case) में सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण आदेश दिया है. इसमें कहा गया है कि पेगासस जासूसी मामले की जांच एक्सपर्ट कमेटी करेगी. इसे 8 हफ्ते में रिपोर्ट देनी है. कोर्ट ने इसकी जांच को एक्सपर्ट कमेटी के हवाले कर दिया है. कोर्ट की ओर से इस तरह का संकेत पहले ही दिया जा चुका था. गौरतलब है कि पेगासस मामले में सुप्रीम कोर्ट के सामने कई याचिकाएं दायर की गई थी.
एक्सपर्ट कमेटी करेगी जांच
सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए जो एक्सपर्ट कमेटी बनाई है उसकी अगुवाई रिटायर्ड आरवी रविद्रन करेंगे. कोर्ट ने ये भी माना है कि इस मामले में केंद्र की ओर से कोई साफ स्टेंड नहीं लिया गया. कोर्ट ने कहा कि निजला के उल्लंघन की जांच होनी जरूरी है.
दायर याचिका में आरोप क्या है?
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोप है कि केंद्र सरकार पेगासस स्पाइवेयर के जरिए नागरिकों की जासूसी करवा रहा है. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधीश एनवी रमन्ना कर रहे हैं. इस मामले में दायर एक याचिका में इसकी जांच कोर्ट की निगरानी में कराने की मांग की गई थी. कोर्ट ने 13 सितंबर को इस संबंध में कहा था कि वो कुछ दिनों में इस पर अपना फैसला सुनाएगा.
केंद्र सरकार का पक्ष क्या है?
केंद्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उस समय कहा था कि केंद्र स्वतंत्र डोमेन विशेषज्ञों की एक समिति बनाने के लिए खुला था जो विवाद के सभी पहलुओं में जा सकता है और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर सकता है, जबकि एक विशेष सॉफ्टवेयर का उपयोग ‘नहीं कर सकता’ व्यापक राष्ट्रीय हित और राष्ट्र की सुरक्षा के हित में सार्वजनिक चर्चा का हिस्सा बनाया जाना चाहिए.
सुनवाई किस पर हो रही?
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत इस संबंध में दाखिल कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है इनमें वरिष्ठ पत्रकारा एन राम और शशि कुमार के साथ-साथ एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की याचिका भी याचिका शामिल है. इन याचिकाओं में कथित पेगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है. अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूह ने खबर दी थी कि लगभग 300 प्रमाणित भारतीय फोन नंबर हैं, जो पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये जासूसी के संभावित निशाना थे.
कोर्ट ने 23 सितंबर को क्या कहा था?
सुप्रीम कोर्ट ने 23 सितंबर को कहा था कि इस मामले में फैसला सुनाने में उसको कुछ देरी हो रही है. कोर्ट में दायर कुछ याचिकाओं में कहा गया है कि कोर्ट की निगरानी में इस मामले की जांच की जानी चाहिए. पेगासस मामले में जो जानकारी सामने आई है उसके अनुसार इसका इस्तेमाल कथित तौर पर कुछ नेताओं, एक्टिविस्ट और पत्रकारों का फोन टेप करने के लिए किया जा रहा था. केंद्र सरकार की तरफ से कोर्ट को बताया गया था कि वो इस मामले में कमेटी का गठन कर रहा है जो पेगासस मामले से जुड़ी सभी चीजों पर गौर करेगा.
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