प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 दिसंबर 2020 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरफ से आगामी जी7 शिखर सम्मेलन में हिस्सा बनने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया. अगले साल 2021 में ब्रिटेन की अध्यक्षता में जी7 की बैठक होनी है. इसमें चीन की बढ़ती ताकत के खिलाफ एक व्यापक गठबंधन बनाने पर जोर दिया जाना है.
ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने जॉनसन की तरफ से एक पत्र सौंपा है. इसमें प्रधानमंत्री मोदी को जी-7 बैठक में आमंत्रित किया गया है. ब्रिटिश विदेश मंत्री राब ने 16 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इसमें दोनों नेताओं ने कोविड संकट और ब्रेक्जिट मुद्दे से लेकर विश्व में भारत-ब्रिटेन संबंधों के विविध आयामों एवं संभावनाओं एवं सामरिक गठजोड़ के बारे में चर्चा की.
ब्रिटेन करेगा G-7 समिट की मेजबानी
ब्रिटेन अगले साल होने वाली G-7 समिट की मेजबानी करेगा. इसमें शामिल होने के लिए ब्रिटेन ने प्रधानमंत्री मोदी को बुलावा भेजा है. प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने पीएम नरेंद्र मोदी को अगले साल 2021 ब्रिटेन की मेजबानी में होने वाली जी-7 समिट में शामिल होने के लिए न्योता भेजा है.
गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री जॉनसन
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद अपने ट्वीट में कहा कि वह अगले महीने गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की भारत यात्रा को लेकर आशान्वित हैं. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब के साथ शानदार बैठक हुई.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने अपने ट्वीट में कहा कि ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब ने प्रधानमंत्री से मुलाकात की. इस दौरान हमारे सामरिक गठजोड़ के विविध आयामों पर चर्चा हुई.
Excellent meeting with @DominicRaab, UK Secretary of State of @FCDOGovUK. Discussed the vast potential of the India-UK partnership in the post-COVID, post-BREXIT world. Looking forward to next month's visit by PM @BorisJohnson as Chief Guest at our Republic Day celebrations. pic.twitter.com/E8cpkqbOJT
— Narendra Modi (@narendramodi) December 16, 2020
भारत-ब्रिटेन गठजोड़ के महत्व
प्रधानमंत्री कार्यालय के बयान के मुताबिक, बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के साथ टेलीफोन पर हुई चर्चा को याद करते हुए कोविड के बाद की दुनिया में भारत-ब्रिटेन गठजोड़ के महत्व को रेखांकित किया.
बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री ने द्विपक्षीय संबंधों की पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिए कारोबार, निवेश, रक्षा, सुरक्षा, आवागमन, शिक्षा, ऊर्जा, जनवायु परिवर्तन, स्वास्थ क्षेत्र को शामिल करते हुए 360 डिग्री परिणामोन्मुख खाका तैयार करने की बात कही.
दूसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के 72वें गणतंत्र दिवस समारोह के अवसर पर अगले महीने नई दिल्ली में जॉनसन के आने पर भी उत्सुकता व्यक्त की. भारत की स्वतंत्रता के बाद जॉनसन साल 1993 में जॉन मेजर के बाद नई दिल्ली में भारत के गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने वाले दूसरे ब्रिटिश प्रधानमंत्री होंगे.
जी-7 क्या है?
जी-7 दुनिया की सात सबसे बड़ी कथित विकसित और उन्नत अर्थव्यवस्था वाले देशों का समूह है. इसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. इसे ग्रुप ऑफ़ सेवन (G7 समूह) भी कहते हैं.
शुरुआत में यह छह देशों का समूह था. इसकी पहली बैठक साल 1975 में हुई थी. इस बैठक में वैश्विक आर्थिक संकट के संभावित समाधानों पर विचार किया गया था. अगले साल कनाडा इस समूह में शामिल हो गया और इस तरह यह जी-7 बन गया.
इस समूह की अध्यक्षता प्रत्येक सदस्य देश बारी-बारी से करता है और दो दिवसीय वार्षिक शिखर सम्मेलन की मेजबानी करता है. शिखर सम्मेलन के अंत में एक सूचना जारी की जाती है, जिसमें सहमति वाले बिंदुओं का जिक्र होता है.
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