प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बेल्जियम, अमेरिका और सउदी अरब के तीन देशों की यात्रा समाप्त करने के बाद 4 अप्रैल 2016 को नई दिल्ली लौट आए. 30 मार्च से 3 अप्रैल 2016 तक चले अपने पांच दिवसीय दौरे के दौरान मोदी ने कई नेताओं से मुलाकात की और दो अलग– अलग शिखर सम्मेलनों में हिस्सा लिया. ये शिखर सम्मेलन थे– ब्रसेल्स में आयोजित भारत– यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन औऱ वाशिंगटन डीसी में 4 परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन.
बेल्जियम यात्रा से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• बेल्जियम की अपनी पहली यात्रा में मोदी का ब्रसेल्स के ईगमॉन्ट पैलेस में औपचारिक स्वागत किया गया. ब्रसेल्स यूरोपीय संघ और नाटो का मुख्यालय है.
• उन्होंने 13वें भारतीय–यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन में भाग लिया और बेल्जियम के प्रधानमंत्री चार्ल्स माइकल के साथ बैठक की.
• बेल्जियम से उन्होंने एशिया के सबसे बड़े आम उद्देश्य वाले ऑप्टिकल दूरबीन– जिसे नैनिताल से 60 किलोमीटर दूर– देवस्थल में स्थापित किया गया है, को 'रिमोट टेक्निकल एक्टिवेशन' के माध्यम से चालू किया.
• दौरे के दौरान दोनों देशों ने एक संयुक्त वक्तव्य और एजेंडा जारी किया. यह यूरोपीय संघ– भारत सहयोग के लिए रोडमैप की तरह काम करेगा और इसे एक्शन 2020 कहा जाएगा.
• भारत– यूरोपीय संघ जल साझेदारी पर संयुक्त घोषणा को पर्यावरण संबंधित मुद्दों में सहयोग बढ़ाने के लिए अपनाया गया. इसमें 'स्वच्छ भारत' और 'स्वच्छ गंगा' फ्लैगशिप कार्यक्रम भी शामिल है.
यूरोपीय संघ– भारत रणनीतिक भागीदारी 2004 में शुरु की गई थी. पिछला शिखर सम्मेलन 2012 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था.
संयुक्त राज्य अमेरिका के दौरे से सम्बंधित तथ्य
• तीन देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में मोदी अमेरिका पहुंचे जहां उन्होंने वाशिंगटन डीसी में चौथे परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन में हिस्सा लिया. शिखर सम्मेलन में परमाणु सुरक्षा से संबंधित कई मुद्दों पर फोकस किया गया.
• इस दो दिवसीय शिखर सम्मेलन में परमाणु उपकरणों एवं प्रौद्योगिकियों की सुरक्षा और परमाणु आतंकवाद के खतरे को कम करने की दिशा में कई देशों ने द्वारा प्राप्त की गईं उपलब्धियों और प्रतिबद्धताओं पर प्रकाश डाला गया.
• उन्होंने अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी के परमाणु सुरक्षा कोष में 1 मिलियन अमेरिकी डॉलर के योगदान की भी घोषणा की.
• भारत और अमेरिका ने भारत में लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रैविटेशनल– वेव ऑब्जरवेट्री (LIGO) की स्थापना के लिए एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किया.
सऊदी अरब दौरे की मुख्य बातें
• रियाद में औपचारिक स्वागत समारोह में प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
• भारत और सऊदी अरब ने पांच समझौतों और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए.
• अपने दौरे के दौरान मोदी ने सऊदी के राजा सलमान बिन अबदुलअजीज अल सउद के साथ बैठक की. इस दौरान उन्होंने केरल के त्रिशूर जिले में स्थित सोने का पानी चढ़ा चेरामन जुमा मस्जिद की प्रतिकृति भेंट की. मान्यता के अनुसार इस मस्जिद का निर्माण 629 ईस्वी के आसपास अरबों ने करवाया था और यह अरबों द्वारा भारत में बनवाया गया पहला मस्जिद था.
• उन्होंने देश के अन्य नेताओं से भी मुलाकात की. साथ ही रक्षा, बीमा, रेलवे और तेल जैसे भारत के मुख्य क्षेत्र में निवेश करने के लिए सऊदी अरब के व्यापार दिग्गजों को आमंत्रित किया.
• सऊदी अरब के दौरे के दौरान उन्होंने रियाद में सऊदी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में व्यापार जगत के नेताओं से भी बातचीत की.
• रियाद में वे टीसीएस ऑल वुमेन आईटी सेंटर (यहां सिर्फ महिलाएं काम करती हैं) और मसमक फोरट्रेस भी गए.
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