प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जुलाई 2020 को इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit 2020) को संबोधित किया. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में निवेश करने के विकल्प व्यापक हैं. भारत आपको हमारे किसानों की हार्डवर्क में निवेश करने हेतु आमंत्रित करता है.
इस समिट का आयोजन ‘यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल' ने किया है. इस साल 'यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल' के गठन के 45 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. इसी मौके पर ये खास कार्यक्रम आयोजित किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कार्यक्रम में भारत और अमेरिका के लोगों को संबोधित किया. इस सम्मेलन की थीम बेहतर भविष्य का निर्माण है.
जी-7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी आमंत्रित
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से पहले इंडिया आइडियाज समिट (India Ideas Summit) में कहा कि अमेरिका ने पीएम मोदी को अगले जी-7 शिखर सम्मेलन में आमंत्रित किया है, जहां हम अंतरराष्ट्रीय समृद्धि तंत्र को आगे बढ़ाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की बड़ी बातें
• प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत हेल्थ सेक्टर में निवेश करने के लिए आपको आमंत्रित करता है. भारत का हेल्थकेयर सेक्टर 22 प्रतिशत की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है.
• प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एनर्जी सेक्टर में निवेश करने हेतु आमंत्रित करता है. भारत खुद को गैस बेस्ड इकॉनमी में बदल रहा है. इस क्षेत्र में अमेरिका की कंपनियों के लिए काफी अवसर होंगे.
• प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी कंपनियों को संदेश देते हुए कहा कि लॉकडाउन में भारत को 20 अरब डॉलर का निवेश मिला है.
• उन्होंने कहा कि हमारी कंपनियां चिकित्सा-प्रौद्योगिकी, टेलीमेडिसिन और डाइग्नोसिस में भी प्रगति कर रही हैं. भारत आपको रक्षा और अंतरिक्ष में निवेश करने के लिए आमंत्रित करता है. हम रक्षा क्षेत्र में निवेश के लिए एफडीआइ कैप को 74 प्रतिशत तक बढ़ा रहे हैं.
• पीएम मोदी ने सिविल एविएशन क्षेत्र को लेकर कहा कि इस क्षेत्र में भी विकास के काफी अवसर हैं. अगले 8 सालों के भीतर हवाई यात्रियों की संख्या दोगुने से अधिक होने की उम्मीद है.
• पीएम मोदी ने कहा कि वित्त वर्ष 2019-20 में भारत में एफडीआइ प्रवाह 74 बिलियन अमरिकी डॉलर था. यह पिछले वर्ष से 20 प्रतिशत ज्यादा है. भारत ने अप्रैल और जुलाई के बीच 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का विदेशी निवेश आकर्षित किया है.
• पीएम मोदी ने कहा कि वैश्विक आर्थिक लचीलापन मजबूत घरेलू आर्थिक क्षमताओं द्वारा प्राप्त किया जा सकता है. इसका मतलब विनिर्माण हेतु घरेलू क्षमता में सुधार, वित्तीय प्रणाली को बेहतर करना और अंतरराष्ट्रीय व्यापार का विविधीकरण है.
क्या है यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल?
यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल का गठन 45 साल पहले 1975 में भारत और अमेरिका के निजी क्षेत्रों को निवेश के प्रवाह को बढ़ाने और प्रोत्साहित करने हेतु एक व्यावसायिक एडवोकेसी करने वाले संगठन के रूप में किया गया था. ये काउंसिल व्यापार और सरकार के नेताओं के बीच एक सीधा संबंध बनाने का काम करता है.
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