प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 02 मार्च 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मैरीटाइम इंडिया समिट -2021 के दूसरे संस्करण का उद्घाटन किया. शिखर सम्मेलन भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाने में मदद करेगा. इस आयोजन में कई देश भाग ले रहे हैं, जिसमें भारत में समुद्री क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई देशों के सीईओ और राजदूत भी शामिल हैं.
50 देशों के एक लाख से अधिक प्रतिभागियों ने MIS समिट 2021 के लिए ऑनलाइन पंजीकरण किया है जो 2 मार्च से 4 मार्च तक निर्धारित है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 'शिखर सम्मेलन समुद्री क्षेत्र के प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाएगा और भारत की समुद्री अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा.
बंदरगाहों में निजी निवेश को प्रोत्साहन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'भारतीय बंदरगाहों पर पहुंचने वाले जलपोतों और माल लेकर निकलने वाले जलपोतों के लिये प्रतीक्षा समय कम हुआ है. बंदरगाहों पर भंडारण सुविधाओं में निवेश किया जा रहा है. हम बंदरगाहों में निजी निवेश को प्रोत्साहन देंगे.
साल 2030 तक 23 जलमार्ग बनाने का लक्ष्य
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा 2030 तक देश में 23 जलमार्गों को परिचालन में लाने का उद्देश्य है. जलमार्ग परिवहन का लागत प्रभावी और पर्यावरण के अनुकुल तरीका है. प्रधानमंत्री ने कहा हमारी भारतीय तटक्षेत्र में 189 लाइटहाउस में से 78 को पर्यटन के तौर पर विकसित करने की योजना है.
तीन दिवसीय शिखर सम्मेलन
यह शिखर सम्मेलन अगले दशक के लिए भारत के समुद्री क्षेत्र के लिए एक रोडमैप की संकल्पना करेगा और भारत को वैश्विक समुद्री क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेगा. कई देशों के प्रख्यात वक्ताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने और भारतीय समुद्री क्षेत्र में संभावित व्यापार अवसरों और निवेश की तलाश करने की सम्भावना है.
56 देशों को आमंत्रित किया गया
भारतीय दूतावासों के जरिये सम्मेलन में भाग लेने के लिये उन 56 देशों को आमंत्रित किया गया है, जिनकी सीमाएं समुद्र से लगी हैं. इसमें चीन शामिल नहीं हैं. कार्यक्रम में करीब 20,000 प्रतिनिधि भाग लेंगे और एमआईएस 2021 के दूसरे संस्करण में 400 से अधिक परियोजनाओं को प्रदर्शित किया जाएगा.
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