ASEAN-India Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रुनेई के सुल्तान हसनल बोलकिया के आमंत्रण पर 18वें दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों के संगठन, आसियान-भारत सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 27- 28 अक्टूबर को होने वाले 18वें आसियान-भारत शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे. इस सम्मेलन में पीएम मोदी वर्चुअल माध्यम से 28 अक्टूबर को जुड़ेंगे.
इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में आसियान-भारत रणनीतिक साझेदारी, कोविड-19 और स्वास्थ्य, व्यापार, शिक्षा व संपर्क सहित अन्य प्रमुख क्षेत्रों में हुई प्रगति की समीक्षा की जाएगी. इस शिखर सम्मेलन में आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्ष और सरकार के प्रमुख भाग लेंगे. यह सम्मेलन प्रति वर्ष आयोजित किया जाता है जो आसियान व भारत को शीर्ष स्तर पर संवाद का मौका प्रदान करता है.
PM Narendra Modi will attend 18th ASEAN-India Summit to be held virtually on Oct 28 at the invitation of Sultan of Brunei. The Summit will be attended by heads of State/Government of the ASEAN countries: PMO pic.twitter.com/y1kBCT321a
— ANI (@ANI) October 25, 2021
पिछले साल नवंबर में लिया था हिस्सा
प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल नवंबर में 17वें आसियान सम्मेलन में हिस्सा लिया था. पीएमओ ने कहा कि आसियान-भारत साझेदारी साझा भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यता के मजबूत आधारों पर आधारित है. आसियान समूह शुरू से भारत की ‘एक्ट इस्ट नीति' और हिंद-प्रशांत क्षेत्र को लेकर व्यापक दृष्टिकोण का मूल केंद्र रहा है.
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन
पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भारत-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण रणनीतिक मुद्दों और क्षेत्र में एक प्रमुख विश्वास-निर्माण तंत्र पर चर्चा करने हेतु एक प्रमुख नेतृत्व-प्रधान मंच है. पूर्वी एशिया के रणनीतिक और भौगोलिक अभ्युदय में इस मंच ने महत्वपूर्ण भमिका निभाई है. इसमें 10 आसियान देशों के सदस्यों के अतिरिक्त भारत, चीन, जापान, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, नयूजीलैंड, अमेरिका और रूस शामिल हैं.
आसियान का उद्देश्य
गौरतलब है कि आसियान का उद्देश्य साझे हित और चिंता के राजनीतिक तथा सुरक्षा मुद्दों पर रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देना और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विश्वास बहाली तथा निरोधात्मक राजनय की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों में अहम योगदान देना है.
आसियान-भारत शिखर सम्मेलन: एक नजर में
पीएमओ ने कहा कि आसियान-भारत शिखर सम्मेलन हर साल आयोजित होता है और इसके जरिए भारत व आसियान को उच्चतम स्तर पर जुड़ने का अवसर मिलता है. पीएमओ के अनुसार, आसियान-भारत सामरिक साझेदारी भौगोलिक, ऐतिहासिक और सभ्यतागत संबंधों की एक मजबूत नींव पर खड़ी है. आसियान हमारी एक्ट ईस्ट नीति और भारत-प्रशांत के हमारे व्यापक दृष्टिकोण के लिए अहम है.
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