प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 26 मई 2017 को असम के तिनसुकिया में ब्रहमपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे पुल ढोला सादिया का उद्घाटन किया. यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी की सहायक नदी लोहित नदी पर बना है. प्रधानमंत्री ने धौला-सादिया पुल का नाम बदलकर विश्व प्रसिद्ध लोकगायक भूपेन हजाका करने की घोषणा की.
प्रधानमंत्री ने 9.15 किलोमीटर लंबे ढोला-सादिया पुल का उद्घाटन किया. असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा का समय छह घंटे से कम होकर एक घंटा रह जाएगा.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• पुल ढोला सादिया के बन जाने से असम और अरुणाचल प्रदेश के बीच यात्रा का समय छह घंटे से कम होकर एक घंटा हो जाने के कारण प्रत्येक दिन कम से कम 10 लाख रुपये का पेट्रोल बचेगा.
• यह देश का सबसे लंबा पुल 182 खंभों पर टिका है.
• यह पुल 60 टन युद्धक टैंक का भार सह सकता है.
• पूर्वोत्तर में सड़कों और हाई-वे के विकास हेतु बनी मंत्रालय की विशेष योजना के तहत इस परियोजना पर कुल 2,056 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं.
• पुल के सभी 182 पायों में सीस्मिक बफर लगे हैं, ताकि भूकंप से पुल को कोई नुकसान न हो.
• पुल बनने से असम में एनएच-37 पर स्थित रुपाई और अरुणाचल में एनएच-52 पर स्थित मेका या रोइंग के बीच की दूरी 165 किलोमीटर घट गयी है.
• इस पुल के बन जाने से सुदूर उत्तर पूर्व के लोगों के लिए आने जाने की सुविधा हो जाएगी और कारोबार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही इसके चालू होने से सेना को असम के पोस्ट से अरुणाचल-चीन बॉर्डर पर पहुंचने में बहुत ही आसानी होगी.
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