प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 सितम्बर 2020 को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) का शुभारंभ किया. इस योजना का मुख्य मकसद किसानों की आय दोगुनी करने के सरकार के लक्ष्य के तहत मत्स्यपालन क्षेत्र का निर्यात बढ़ाना है. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं और किसानों से बातचीत भी की.
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये आयोजित इस कार्यक्रम के जरिये प्रधानमंत्री ने मत्स्यपालन तथा पशुपालन क्षेत्र के लिए कई और योजनाओं की शुरुआत की. इस योजना की शुरुआत बिहार से हुई है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने मोबाइल ऐप ई-गोपाला का भी शुभारंभ किया. यह ऐप किसानों को पशुधन के लिए ई-मार्केटप्लस उपलब्ध कराएगी.
प्रधानमंत्री ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधन की शुरुआत भोजपुरी भाषा में की. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि मछली पालन, डेयरी से जुड़े काम के जरिए किसानों की आय को दोगुना किया जाए. उन्होंने कहा कि मछली पालन की योजना में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक रुपये खर्च किए जाएंगे. समुद्र से लेकर तालाब तक मछली पालन पर जोर देने के लिए व्यापक योजना पर काम चल रहा है.
Delhi: PM Narendra Modi digitally launches the Pradhan Mantri Matsya Sampada Yojana (PMMSY) and e-Gopala App for farmers along with several other initiatives in the fisheries and animal husbandry sectors in Bihar. pic.twitter.com/9YVmK0AMpf
— ANI (@ANI) September 10, 2020
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई नेता मौजूद
वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हुए इस कार्यक्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत कई नेता मौजूद थे. इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने लगभग 1700 करोड़ रुपये की अलग-अलग परियोजनाओं का उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना को देश भर में मछली पालन को बढ़ाने के लिए शुरू किया गया है. इस योजना के तहत अगले 5 सालों लगभग 20,050 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. मछली पालन के क्षेत्र में आजादी के बाद से अब तक का यह सबसे बड़ा निवेश है.
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से मछली उत्पादन को 150 लाख टन से बढ़ाकर 220 लाख टन तक करना है. सरकार के अनुसार इस स्कीम से देश में लगभग 55 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा. सरकार का मुख्य मकसद मछली पालन के निर्यात को बढ़ाकर एक लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है.
मत्स्य संपदा योजना का लाभ केवल मछुआरा समुदाय से संबंध रखने वाले लोगों को मिलेगा. जलीय क्षेत्रों से संबंध रखने वाले और जलीय कृषि का कार्य करने वाले या इसके लिए इच्छुक व्यक्ति ही इस योजना के पात्र होंगे. समुद्री तूफान, बाढ़, चक्रवात जैसी किसी प्राकृतिक आपदा का बुरी तरह से ग्रसित मछुआरों को इसका लाभ मिलेगा.
क्या है ई-गोपाला ऐप
ई-गोपाला ऐप के बारे में खुद पीएम ने ट्वीट कर कहा है कि यह हमारे मेहनती किसानों के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाजार और सूचना पोर्टल प्रदान करता है. यह एक अभिनव प्रयास है, जिससे कृषि क्षेत्र को बहुत लाभ होगा. इसके मुताबिक यह ऐप किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक व्यापक नस्ल सुधार बाज़ार और सूचना पोर्टल है. इस ऐप के जरिए कृत्रिम गर्भाधान, पशु की प्राथमिक चिकित्सा, टीकाकरण, उपचार आदि और पशु पोषण के लिए किसानों का मार्गदर्शन किया जा सकेगा. ई-गोपाला ऐप इन सभी पहलुओं पर किसानों को समाधान प्रदान करेगा.
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