प्रणब मुखर्जी, नानजी देशमुख तथा भूपेन हज़ारिका को भारत रत्न

Jan 28, 2019, 10:39 IST

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, मशहूर संगीतकार भूपेन हजारिका और आरएसएस से जुड़े नेता एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा.

Pranab Mukherjee Among Three Selected for Bharat Ratna
Pranab Mukherjee Among Three Selected for Bharat Ratna

राष्ट्रपति भवन की ओर से 25 जनवरी 2019 को जारी जानकारी में घोषणा की गई कि वर्ष 2019 में तीन हस्तियों को भारत रत्न सम्मान दिया जायेगा. इस घोषणा में नानाजी देशमुख, भूपेन हज़ारिका और प्रणब मुखर्जी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की गई.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, मशहूर संगीतकार भूपेन हजारिका और आरएसएस से जुड़े नेता एवं समाजसेवी नानाजी देशमुख को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा. राष्ट्रपति भवन से जारी बयान में कहा गया कि नानाजी देशमुख एवं भूपेन हजारिका को यह सम्मान मरणोपरांत प्रदान किया जाएगा.

नानाजी देशमुख के बारे में जानकारी


•    नानाजी देशमुख का जन्म 11 अक्टूबर 1916 को हुआ था. वे एक भारतीय समाजसेवी थे.

•    उनका आरंभिक जीवन संघर्षों में बीता. उन्होंने पिलानी के बिरला इंस्टीट्यूट से उच्च शिक्षा प्राप्त की. बाद में 1930 के दशक में वे आरएसएस में शामिल हो गये थे.

•    नानाजी देशमुख भारतीय जनसंघ से जुड़े थे. वर्ष 1977 में जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद उन्होंने मंत्री पद स्वीकार नहीं किया और जीवनभर दीनदयाल शोध संस्थान के अंतर्गत चलने वाले विविध प्रकल्पों के विस्तार के लिए कार्य करते रहे.

•    अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया था. वाजपेयी के कार्यकाल में ही भारत सरकार ने उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य व ग्रामीण स्वालंबन के क्षेत्र में अनुकरणीय योगदान के लिए पद्म विभूषण भी प्रदान किया.

•    उनका निधन 27 फरवरी 2010 को चित्रकूट में हुआ.

 

भारत रत्न

भारत रत्न भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है और यह सम्मान असाधारण राष्ट्रीय सेवा के लिए प्रदान किया जाता है. इन सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है. पहले इसमें खेल को शामिल नहीं किया गया था लेकिन बाद में इसे सूची में शामिल किया गया है. इस सम्मान की स्थापना 2 जनवरी 1954 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई थी.

प्रारंभ में इस सम्मान को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था, लेकिन वर्ष 1955 में बाद में यह प्रावधान जोड़ा गया. इसके चलते यह सम्मान लोगों को मरणोपरांत भी दिया जाने लगा है. एक वर्ष में अधिकतम तीन व्यक्तियों को ही 'भारत रत्न' दिया जा सकता है. सबसे पहले 1954 में चक्रवर्ती राजगोपालाचारी को भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. इस पदक में तांबे के बने पीपल के पत्ते पर प्लेटिनम का चमकता सूर्य बनाया गया है, जिसके नीचे चाँदी में "भारत रत्न" उकेरित है. यह सफ़ेद फीते के साथ गले में पहनाया जाता है.



भूपेन हज़ारिका के बारे में जानकारी

•    भूपेन हजारिका का जन्म 8 सितंबर 1926 को असम में हुआ था. वे अपने 10 भाई-बहनों में सबसे बड़े थे. भूपेन का बचपन गुवा‌हाटी में ही बीता था.

•    मात्र 10 वर्ष की आयु में 1936 में भूपेन हज़ारिका ने कोलकाता में अपना पहला गाना रिकॉर्ड किया था.

•    हज़ारिका ने ज्योतिप्रसाद की फिल्म 'इंद्रमालती' में दो गाने गाए थे. मात्र 13 साल की उम्र में हजारिका ने अपना पहला गाना लिखा था. यहीं से उनके सिंगर, कंपोजर और लिरिसिस्ट बनने का सफर शुरू हो गया ‌था.

•    वर्ष 1942 में भूपेन ने आर्ट से इंटर की पढ़ाई पूरी की थी इसके बाद बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से उन्होंने एमए किया था.

•    उन्होंने 'रुदाली', 'मिल गई मंजिल मुझे', 'साज', 'दरमियां', 'गजगामिनी', 'दमन' और 'क्यों' जैसी सुपरहिट फिल्मों में गीत दिए. हज़ारिका ने अपने जीवन में एक हजार गाने और 15 किताबें लिखीं.

•    म्यूजिक के क्षेत्र में उनके अद्भुत योगदान के लिए उन्हें 1975 में  राष्ट्रीय पुरस्कार और 1992 में सिनेमा जगत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के सम्मान से सम्मानित किया गया. इसके अलावा उन्हें 2011 में पद्म भूषण जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.

प्रणब मुखर्जी के बारे में जानकारी

•    पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का जन्म पश्चिम बंगाल के बीरभूम ज़िले के किरनाहर शहर के एक छोटे से गांव मिराटी (मिराती) में 11 दिसम्बर 1935 को हुआ था.

•    मुखर्जी के राजनीतिक जीवन की शुरुआत वर्ष 1969 में हुई जब वह पहली बार राज्यसभा सांसद बने.

•    तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उन्हें 35 वर्ष की अवस्था में वर्ष 1969 में राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया गया.

•    इसके बाद वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुए. वर्ष 1974 में केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री बने.

•    इसके बाद राष्ट्रपति बनने तक आठ बार कैबिनेट मंत्री रहे. उन्होंने इस दौरान वित्त, विदेश, रक्षा और वाणिज्य जैसे मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली.

•    प्रणब मुखर्जी 25 जुलाई 2012 से 25 जुलाई 2017 तक राष्ट्रपति पद पर रहे.

Gorky Bakshi is a content writer with 9 years of experience in education in digital and print media. He is a post-graduate in Mass Communication
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