Russia-Ukraine crisis: अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 22 फरवरी 2022 को घोषणा की कि अमेरिका रूसी बैंकों और कुलीन वर्गों के खिलाफ कड़े वित्तीय प्रतिबंध लगाने के आदेश दे रहा है. राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि मॉस्को ने यूक्रेन पर हमला करके अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सरेआम उल्लंघन किया है. अमेरिका ने यूक्रेन पर रूस के रुख को देखते हुए अपना तेवर और ज्यादा सख्त कर लिया है.
राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन संबंधी दावों से हममें से कोई मूर्ख नहीं बनेगा. उन्होंने कहा कि यदि रूस के राष्ट्रपति पुतिन आगे कोई कार्रवाई करते हैं तो और प्रतिबंध लगाए जाएंगे. उन्होंने कहा कि रूस के पूर्व में मौजूदगी बढ़ाने के मद्देनजर अमेरिका नाटो बाल्टिक सहयोगियों की सुरक्षा हेतु अतिरिक्त बल भेज रहा है.
रूस अब पश्चिम देशों से धन नहीं जुटा सकता
राष्ट्रपति बाइडेन ने यह भी कहा कि रूस अब पश्चिम देशों से धन नहीं जुटा सकता है तथा हमारे बाजारों या यूरोपीय बाजारों पर अपने नए कर्ज के अंतर्गत व्यापार नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि ये नए कदम रूस के स्टेट डेवलपमेंट बैंक और देश के अभिजात वर्ग के सदस्यों को लक्षित करते हैं.
मॉस्को के फैसले की निंदा
उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) के महासचिव जेंस स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि रूस यूक्रेन के विरुद्ध सैन्य कार्रवाई कर रहा है. उन्होंने दक्षिण-पूर्वी यूक्रेन में अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के मॉस्को के फैसले की निंदा की.
यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति जारी
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले कुछ वक्त से स्थिति का हम लगातार आकलन कर रहे हैं और हालात को देखते हुए कदम उठाये जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने नाटो गठबंधन के साथ मिलकर काम करने का फैसला लिया है. उन्होंने ये भी साफ किया कि अमेरिका, यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति जारी रखेगा.
नए आर्थिक प्रतिबंध
आपको बता दें कि अमेरिका द्वारा लगाए गए नए आर्थिक प्रतिबंधों के बाद अब रूस पश्चिमी देशों के साथ व्यापार नहीं कर सकेगा. इसके साथ ही रूस को पश्चिमी देशों से मिलने वाली वित्तीय सहायता भी अब नहीं रहेगी. अमेरिकी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि अभी भी ज्यादा देर नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि हालात को और खराब होने से अभी भी रोका जा सकता है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसके साथ ही रूस को चेताते हुए कहा कि अगर मास्को ने ऐसा कदम उठाया है तो अपने सहयोगियों के साथ मिलकर वाशिंगटन इसका जवाब देगा.
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