भारतीय रेल ने जुलाई 2016 में अपनी डेमू (डीईएमयू) रेलगाडियों हेतु अब तक का पहला वातानुकूलित कोच (कार) विकसित किया है. अभी तक डीईएमयू रेलगाडियों में केवल गैर वातानुकूलित कोच लगाए जाते हैं.
- पहले वातानुकूलित कोच का विनिर्माण भारतीय रेल के चेन्नई आधारित इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) में किया गया.
- वर्तमान में भारतीय रेल तीन प्रकार की डीईएमयू रेलगाडियों का संचालन करती है.
जिनके नाम हैं-
- 700 अश्व शक्ति के साथ 6 कोच की डीईएमयू रेलगाडियां,
- 1400 अश्व शक्ति के साथ 8 कोच की डीईएमयू रेलगाडियां एवं
- 1600 अश्व शक्ति के साथ 10 डिब्बों की डीईएमयू रेलगाडियां.
- नई व्यस्था के तहत 8 कोच की डीईएमयू रेलगाडियों में ऐसे 2 नव विकसित वातानुकूलित कोच लगाए जाएंगे.
- जल्द ही ऐसी डीईएमयू रेलगाडियां यात्री सेवाओं के लिए भी प्रारंभ की जाएंगी.
- प्रथम चरण में इंटीग्रल कोच फैक्टरी (आईसीएफ) ने 4 डीईएमयू रेलगाडियां चलाने की योजना बनाई है.
- उपभोक्ताओं से मिलने वाला फीडबैक ऐसी रेलगाडियों (कोच) का भविष्य तय करेगा.
- वातानुकूलित कोच में 5 आरामदायक शयित कुशन युक्त चेयर का प्रावधान होगा.
- कोच में 73 यात्रियों को बिठाने की कुल क्षमता के साथ प्रत्येरक पंक्ति (2 * 3 की रूप रेखा) में व्यवस्थित किया गया है.
- इन वातानुकूलित कोच की आंतरिक रूपसज्जा इंटरसिटी एसी एक्सप्रेस रेलगाडी के कोच की तरह की गई है.
- सभी वातानुकूलित कोच पर्यावरण अनुकूल जैव शौचालयों से सुसज्जित होंगे.
क्या है नई व्यस्था-

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