केंद्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत रेलवे स्टेशनों को विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त करने की योजना का शुभारम्भ किया. 09 फरवरी 2017 से रेलवे इससे सम्बंधित निविदा प्राप्त करना शुरू कर देगा. रेलवे की यह योजना एक लाख करोड़ रुपये की सबसे बड़ी पीपीपी योजना है.
योजना के तहत भारतीय रेलवे को तीन चरणों में 400 प्रमुख रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास हेतु स्वीकृति प्रदान की गयी है. नई दिल्ली में भारतीय रेलवे में एक साथ शुरू किए गए इस डिजिटल लॉन्च में देशभर के 23 रेलवे स्टेशनों से रेलवे के विभिन्न अधिकारियों ने भाग लिया. रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्टेशनों के विकास की जानकारी रेलवे अधिकारियों को दिए
प्रथम चरण में विकसत होने वाले रेलवे स्टेशन-
• भारतीय रेलवे ने पहले फेज के लिए 23 रेलवे स्टे शनों को प्राथमिकता सूची में रखा है. इन स्टेशनों में बिजवासन, आनंद विहार, चंडीगढ़, अमृतसर, बांद्रा टर्मिनस, बंगलौर छावनी, भोपाल, बोरीवली, चैन्नई सेन्ट्रल, फरीदाबाद, हावड़ा, इंदौर, जम्मूतवी, कामाख्या, कोजीकोड, लोकमान्य, तिलक टर्मिनस, मुम्बई सेन्ट्रल (मेन), पुणे, रॉंची, सिकन्दराबाद, ठाणे, उदयपुर सिटी, विजयवाड़ा, विशाखापट्टनम और यशवंतपुर रेलवे स्टेटशन शामिल हैं.
• रेलवे डेवलेपर्स को अतिक्रमण मुक्त 145 एकड भूमि इन स्टेशनों पर उपलब्ध कराएगी. भारतीय रेलवे ने डेवलेपर्स के साथ परस्पर बातचीत को बेहतर बनाने के लिए प्रत्येक जोन में नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं.
• पहले फेज में 13 हजार करोड़ रूपये खर्च होने का अनुमान है. ये रेलवे स्टेाशन भारतीय रेलवे स्टेशशन विकास निगम द्वारा अन्य माध्यमों से विकसित किए जाने वाले रेलवे स्टेशनों से अलग हैं.
विकसित स्टेशनों पर रेल सुविधाएं-
• पुनर्विकसित किए जाने वाले ये रेलवे स्टेरशन डिजिटल साइन बोर्ड, एस्केटलेटर/ एलीवेटर सेल्फ टिकटिंग काउंटर, एग्जीवक्यू टिव लाउंज, लगेज स्क्रीन मशीन, पैदल रास्तेल, रेलयात्रियों के लिए हॉल्डिंग एरिया, बड़ी और नई तरह की छत एवं फर्श, नि:शुल्कं व भुगतान वाले वाई-फाई इत्यादि की सुविधाएं रेलयात्रियों को प्रदान करेंगे.
रेलवे का सबसे बड़ा पीपीपी प्रोजेक्ट-
• कुल 1 लाख करोड़ रुपये की यह योजना देश की सबसे बड़ी पीपीपी योजना है. इस कार्यक्रम के अंतर्गत 2200 एकड़ की प्रमुख भूमि 45 वर्ष की अवधि हेतु निजी डेवलपरों को दी जाएगी. स्टेशनों के समीप वाला खाली जमीन का वाणिज्यिक उपयोग डेवलपर करेंगे. वैश्विक मानकों और डिजाइन के आधार विकसित किया जाएगा.
• रेलवे स्टेएशनों के निकट इस खाली भूमि के वाणिज्यिक उपयोग द्वारा रेलवे से बिना कोई अतिरिक्त फंड लिए विश्व-स्तर के रेलवे स्टेशनों का विकास किया जाएगा. चयनित रेलवे स्टे्शनों को उच्चि वैश्विक मानकों और डिजाइन के आधार पर उत्कृष्ट स्टेशनों के रूप में विकसित किया जाएगा.
• विश्व में प्रयुक्त उचित उपायों में भारतीय रेलवे ने निविदा प्रक्रिया हेतु ‘मॉडिफाइड स्विस चैलेंज’ के नाम विख्यात तरीके को आत्मसात किया है. पारदर्शिता के अनुरूप प्रत्येक क्षेत्रीय रेलवे प्रस्ताव का मूल्यांकन करने हेतु विशेषज्ञों का पैनल गठित करेगी. इस पद्धति को वर्ष 2015 में ही यूनियन केबिनेट से मंजूरी प्रदान की जा चुकी है.
• रेलवे स्टेशन के डेवलपमेंट के काम को पूरा करने के लिए बोस्टशन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) को परियोजना के रणनीतिक सलाहकार के रूप में नियुक्त किया है. भारतीय रेलवे निविदा प्रक्रिया पर बाजार के रूख को आकर्षित करने और उनकी प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए दिल्ली, मुम्बई, कोलकत्ता और अबूधाबी में रोड शो के जरिए निजी डेवलेपरों और निवेशकर्ताओं तक पहुंची है.
• पीपीपी कार्यक्रम के अंतर्गत बंसल पाथवेज द्वारा विकसित किए जाने वाले हबीबगंज रेलवे स्टेशन के अलावा भारतीय रेलवे स्टेशन विकास निगम ने गुजरात राज्य सरकार की साझेदारी में गांधीनगर रेलवे स्टेलशन के कार्य का शुभारम्भ किया है और बिजवासन रेलवे स्टेरशन के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation