राम मंदिर निर्माण का काम अगस्त के पहले हफ़्ते से शुरू हो सकता है. राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने भव्य मंदिर के निर्माण के लिए कार्यक्रम को अंतिम रूप दे दिया है. ट्रस्ट ने मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास की तारीख तय कर ली है. इसके लिए तीन अगस्त और पांच अगस्त की तारीख तय करने के बाद प्रस्ताव पीएमओ को भेजा गया. अब इस पर अंतिम फैसला पीएमओ लेगा.
इसके साथ ही राम मंदिर के नक्शे में बदलाव का भी फैसला किया गया है. श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की अयोध्या में पहली बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले हुए. इस कार्यक्रम में 150 से 200 लोगों की मौजूदगी में भूमि पूजन कराया जा सकता है. अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. 18 जुलाई 2020 को रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई, जिसमें भूमिपूजन की तारीख पर चर्चा हुई.
ट्रस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूमि पूजन के लिए आमंत्रित करने का निर्णय लिया है और इसलिए, प्रधान मंत्री कार्यालय (पीएमओ) से पुष्टि होने पर अंतिम तिथि की घोषणा की जाएगी. यह निर्णय 18 जुलाई को अयोध्या में ट्रस्ट के सदस्यों की बैठक के दौरान लिया गया था.
राम मंदिर मॉडल में यह होगा बदलाव
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में विश्व हिंदू परिषद के प्रस्तावित मॉडल में हल्का बदलाव करने पर भी सहमति बनी है.
पहले के मॉडल में गर्भ गृह के मुख्य शिखर के अलावा दो मंडप (गुम्बद नुमा आकार) मौजूद थे. अब दो की जगह कुल पांच मंडप होंगे.
पहले प्रस्तावित मॉडल की ऊंचाई 138 फुट थी, जिसको बढ़ाकर 161 फुट करने पर सहमति बनी है.
विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) के मॉडल के मुताबिक पहले ऊंचाई 138 फुट, लंबाई 268 फुट और चौड़ाई 140 फुट होनी थी. अब लंबाई लगभग उतनी ही रहेगी लेकिन ऊंचाई 161 फुट और चौड़ाई गर्भ गृह के पास कुछ बढ़ जाएगी.
राम मंदिर के मुख्य द्वार का निर्माण मकराना के सफेद संगमरमर से किया जाएगा. गर्भगृह के ठीक ऊपर 16.3 फीट का प्रकोष्ठ बनाया जाएगा, जिस पर 65.3 फुट ऊंचे शिखर का निर्माण होगा.
शिखर की चोटी 138 फुट से बढ़ाकर 161 फुट किया जाएगा. क्षेत्रफल भी आकार के मुताबिक़ बढ़ेगा.
इसके अलावा पत्थर की मात्रा पहले 2,43,000 घन फुट था, जो अब नए मॉडल के मुताबिक़ 3,75,000 घन फुट होगा.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की बैठक
आपको बता दें कि 18 जुलाई 2020 को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट की बैठक हुई, जिसमें राम मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन की तिथि तय की गई. ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण के लिए पीएमओ को भूमिपूजन के लिए तीन और पांच अगस्त का प्रस्ताव भेजा गया है.
इसके अतिरिक्त ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि इस बैठक में राम मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र के साथ ट्रस्ट के 11 ट्रस्टी भी मौजूद रहे, जबकि चार सदस्य वीडियो कन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक में शामिल हुए. मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन की तारीख तय हो गई है.उन्होंने बताया कि मिट्टी की ताकत कितनी है, इसकी रिपोर्ट अभी आनी बाकी है. इसके बाद यह निर्णय होगा कि नींव कितनी रखी जाएगी.
मंदिर निर्माण में कितनी खर्च आएगी?
राम मंदिर समेत देश के कई प्रसिद्ध तीर्थों का नक्शा तैयार करने वाले वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा के अनुसार मंदिर के मौजूदा डिजाइन के हिसाब से लगभग 100 करोड़ रुपये की लागत आएगी. यदि डिजाइन में बदलाव होता है तो खर्च बढ़ सकता है. लागत इस बात पर भी निर्भर करेगी कि मंदिर को किस समयसीमा में पूरा करना है.
राम मंदिर निर्माण कब पूरा होगा?
राम जन्मभूमि ट्रस्ट के सचिव चंपत राय के मुताबिक, भव्य राम मंदिर के निर्माण को पूरा होने में कम से कम 3 साल से 3.5 साल लगेंगे. मंदिर का डिजाइन थोड़ा बदल दिया गया है. पहले प्रस्तावित दो गुंबदों के बजाय, राम मंदिर में अब पांच गुंबद होंगे और मंदिर की ऊंचाई भी 161 फीट तक बढ़ा दी गई है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत ट्रस्ट का गठन
यह ट्रस्ट अयोध्या में राममंदिर निर्माण के काम की देखरेख के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत गठित किया गया है. इस ट्रस्ट के प्रमुख महंत नृत्य गोपाल दास हैं. प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा, केंद्रीय अतिरिक्त गृह सचिव ज्ञानेश कुमार और उत्तर प्रदेश सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी समेत कई अन्य इसके सदस्य हैं.
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