भारती एयरटेल की सहायक कंपनी एयरटेल एम कॉमर्स सर्विसेस (एएमएसएल) को 11 अप्रैल 2016 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से पहला पेमेंट्स बैंक लाइसेंस मिल गया.
एएमएसएल एयरटेल की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है जो एयरटेल मनी नाम के ब्रांड के तहत मोबाइल मनी सर्विस प्रदान करती है. इसने भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार मौजूदा प्री–पेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट लाइसेंस को पेमेंट्स बैंक लाइसेंस में बदलने का प्रस्ताव दिया था.
पेमेंट्स बैंकों को लाइसेंस देने के लिए आरबीआई की गाइडलाइन
• पेमेंट्स बैंक को अलग बैंक के तौर पर स्थापित किया जाएगा और यह आरबीआई की अधिसूचना के अनुसार अपनी गतिविधियों को डिमांड डिपॉजिट्स, प्रेषण सेवाओं, इंटरनेट बैंकिंग और अन्य विशेष सेवाओं तक सीमित रखेगा.
• शुरुआत में पेमेंट्स बैंक प्रति व्यक्तिगत उपभोक्ता एक लाख रुपये के अधिकतम बैलेंस रखने तक सीमित होगा.
• इन्हें एटीएम/ डेबिट कार्ड्स और अन्य प्रीपेड भुगतान उपकरण जारी करने की अनुमति होगी लेकिन ये क्रेडिट कार्ड नहीं जारी कर सकेंगे.
• ये बैंक म्युचुअल फंड्स और बीमा उत्पादों जैसे गैर– जोखिम वाले सरल वित्तीय उत्पाद भी दे सकेंगें.
• इन्हें ऋण देने की अनुमति नहीं होगी और न ही आप्रवासी भारतीय इसमें अपना खाता खुलवा सकेगा.
पृष्ठभूमि
19 अगस्त 2015 को आरबीआई ने पेमेंट्स बैंकों की स्थापना के लिए 11 आवेदकों को सैद्धांतिक मंजूरी दी थी. 27 नवंबर 2014 को जारी किए गए पेमेंट्स बैंकों की लाइसेंस हेतु दिशानिर्देशों के तहत वे कंपनियां जिन्हें पेमेंट बैंक लाइसेंस दी गईं थीं– आदित्य बिड़ला नूवो, एयरटेल एम कॉमर्स सर्विसेस, चोलामंडलम डिस्ट्रिब्यूशन सर्विसेस, डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स (DoP), फिनो पेटेक, नेशनल सिक्योरीटीज डिपॉजिट्री, रिलायंस इंडस्ट्रीज, दिलिम शांतिलाल सांघव, विजय शेखर शर्मा, टेक महिन्द्रा और वोडाफोन एम-पेसा है.
अगस्त 2015 में जिन कंपनियों को आरबीआई से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है, उन्हें अपने बैंक का संचालन मार्च 2017 तक शुरु करना होगा.
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