भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 12 जुलाई 2018 को डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) बनवाने के लिए नियमों में बदलाव किए हैं. काला धन को रोकने के लिए सरकार और आरबीआई कई बड़े प्रयास कर रही हैं.
डिमांड ड्राफ्ट बनवाने:
इसके तहत यदि कोई व्यक्ति डिमांड ड्राफ्ट बनवाता है तो उस पर अब उसका भी नाम दर्ज होगा. अभी तक डिमांड ड्राफ्ट पर सिर्फ उसी व्यक्ति का नाम होता था, जिसके खाते में पैसा जाता था.
आरबीआई का नया नोटिफिकेशन:
- बैंक की शाखा से डिमांड ड्राफ्ट की खरीद करने वाले का नाम भी डीडी के फ्रंट पर लिखा होगा. मौजूदा नियमों के मुताबिक डीडी में सिर्फ उस संस्था या व्यक्ति के नाम का ही जिक्र किया जाता है, जिसे भुगतान किया जाता है.
- आरबीआई की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा गया है कि डिमांड ड्राफ्ट की खरीद करने वाले का नाम उजागर न होने के चलते पैदा होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
- डीडी जमा कराने वाले का नाम न होने से इसका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए भी किया जा सकता है. इसके चलते अब आरबीआई ने फैसला लिया है कि डीडी के अगले हिस्से पर खरीददार के नाम का भी जिक्र किया जाए.
- डीडी के अलावा पे ऑर्डर और बैंकर्स चेक पर भी यह नियम लागू होगा.
- आरबीआई की ओर से दिया गया यह आदेश 15 सितंबर 2018 से लागू होगा.
मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम कसने के मकसद से कई फैसले:
केंद्रीय बैंक ने इससे पहले भी मनी लॉन्ड्रिंग पर लगाम कसने के मकसद से कई फैसले लिए हैं. आरबीआई ने पहले ही 50,000 रुपये से अधिक के डिमांड ड्राफ्ट की राशि को कस्टमर के अकाउंट या फिर चेक के अगेंस्ट ही जारी करने का आदेश दिया था. कैश पेमेंट से डिमांड ड्राफ्ट बनाए जाने पर रोक लग चुकी है.
डिमांड ड्राफ्ट (डीडी):
डिमांड ड्राफ्ट (डीडी) लेन देन के लिए उपयोग किया जाने वाले माध्यमो में से ही एक माध्यम है जिसका उपयोग भुगतान के लिए किया जा सकता है. डिमांड ड्राफ्ट कैशलेस ट्रांजैक्शन का एक जरिया है. बैंक अकाउंट में पैसे भेजने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. जिस शख्स या कंपनी के नाम पर इसे बनवाया जाता है, रकम उसी के खाते में जाती है.
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