एमएसएमई पर भारतीय रिजर्व बैंक की समिति का सुझाव

Mar 22, 2019, 11:36 IST

समिति एमएसएमई क्षेत्र की व्यापक समीक्षा कर रही है ताकि इसके विकास के लिए दीर्घावधि समाधान और कारकों की पहचान कर सके.

RBI panel on MSMEs invites public suggestions on various aspects
RBI panel on MSMEs invites public suggestions on various aspects

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित की गयी एक समिति ने क्षेत्र के लिए दीर्घकालिक आर्थिक एवं वित्तीय समाधान पर लोगों की राय मांगी है.

समिति ने साथ ही इस क्षेत्र को प्रतिस्पर्धी दरों पर कोष जुटाने में मदद करने वाली रेटिंग व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए भी सुझाव मांगे गए हैं. समिति एमएसएमई क्षेत्र की व्यापक समीक्षा कर रही है ताकि इसके विकास के लिए दीर्घावधि समाधान और कारकों की पहचान कर सके.

समिति ने निम्नलिखित पहलुओं पर जनता से बड़े पैमाने पर सुझाव आमंत्रित करने का निर्णय किया है:

  निवेश या टर्नओवर आधारित मानदंडों की वर्तमान प्रणाली के संदर्भ में एमएसएमई के वर्गीकरण तथा पहचान के लिए एमएसएमई की परिभाषा का सुझाव देना.

  जिला औद्योगिक केंद्र (डीआईसी) की भूमिका में सुधार के लिए सुझाव तथा क्या डीआईसी ने अपेक्षित उद्देश्य को पूरा किया हैं?               

  सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग (एमएसएमई) समूहों के विकास और वृद्धि को प्रभावित करने वाली संरचनात्मक कमी एवं समस्याएं क्या हैं?

  उद्यमियों की क्षमता निर्माण में संरचनात्मक कमी का समाधान करने हेतु सुझाव.

  क्या यहां बिल में छूट की सुविधा अर्थात टीआरइडीएस बारे में जागरूकता है? टीआरइडीएस के माध्यम से ऑनबोर्डिंग तथा वित्त तक पहुँचने में सुधार के सुझाव.

  एमएसएमई के लिए क्रेडिट रेटिंग तंत्र में सुधार के सुझाव.

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पूर्व चेयरमैन यू. के. सिन्हा की अध्यक्षता में यह समिति 02 जनवरी 2019 में गठित की गई थी. समिति ने लोगों से 28 मार्च तक अपने सुझाव देने के लिए कहा है. विशेषज्ञ समिति जून 2019 के अंत तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.

एमएसएमई क्षेत्र को जीएसटी और विमुद्रीकरण जैसी नीतियों के कार्यान्वयन की वज़ह से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इन्हीं समस्याओं से उबारने और एमएसएमई क्षेत्र को आर्थिक गति प्रदान करने के उद्देश्यों के साथ इस समिति का गठन किया गया है.

समिति का गठन

क्र.सं.

नाम और प्रोफाइल

समिति में भूमिका

1

यू.के. सिन्हा (पूर्व अध्यक्ष, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड)

अध्यक्ष

2

राम मोहन मिश्रा (अपर सचिव, विकास आयुक्त एमएसएमई)

सदस्य

3

पंकज जैन (संयुक्त सचिव, वित्तीय सेवा विभाग, वित्त मंत्रालय)

सदस्य

4

पी.के. गुप्ता (प्रबंध निदेशक, एसबीआई)

सदस्य

5

अनुप बागची (कार्यपालक निदेशक, आईसीआईसीआई बैंक)

सदस्य

6

अभिमान दास प्रोफेसर, (आईआईएम-अहमदाबाद)

सदस्य

7

शरद शर्मा (सह-संस्थापक, आइएसपीआईआरटी फाउंडेशन)

सदस्य

8

बिन्दु अनंत (अध्यक्ष, दवारा ट्रस्ट)

सदस्य

समिति के कार्य:

  यह समिति एमएसएमई इकाइयों हेतु आवश्यक ऋण उपलब्धता को प्रभावित करने वाले कारकों की जाँच करेगी.

  यह समिति एमएसएमई क्षेत्र को समर्थन देने के लिए मौजूदा संस्थागत रुपरेखा की समीक्षा करेगी एवं इस क्षेत्र पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन करने के साथ ही क्षेत्र के विकास को प्रभावित करने वाली संरचनात्मक समस्याओं की भी जाँच करेगी.

  यह समिति दुनिया भर में एमएसएमई क्षेत्र में किये गये विभिन्न उपायों का अध्ययन करेगी और इन उपायों में से भारत के संदर्भ में उपयुक्त कुछ उपायों को अपनाने के लिए सुझाव भी देगी.

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Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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