रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ’रोस्कोस्मोस’ अपने मिशन के तहत, 01 अक्टूबर, 2021 को चंद्रमा के बर्फीले दक्षिणी ध्रुव की ओर अपने अंतरिक्ष यान ’लूना 25’ को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह तैयार है. चंद्रमा पर अपनी आखिरी लैंडिंग के 45 साल बाद, रूसी वैज्ञानिक चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सतह के नीचे के पानी का अध्ययन करने के लिए इस परियोजना को क्रियान्वित कर रहे हैं.
आखिरी अंतरिक्ष यान 'लूना 24’ सोवियत संघ द्वारा अगस्त, 1976 में लॉन्च किया गया था.
23 मार्च, 2021 को नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज द्वारा एक आभासी प्रस्तुति के दौरान, रूसी अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि, चंद्रमा अगले दशक के लिए इस संस्थान के कार्यक्रम का केंद्र बनने जा रहा है.
लूना 25 के बारे में
• लूना 25, एक रूसी चंद्रमा लैंडर, 01 अक्टूबर, 2021 को लॉन्च करने के लिए पूरी तरह से तैयार है.
• चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर, एक साल के लिए सतह के नीचे के पानी का अध्ययन करने और चंद्र धूल के तेज टुकड़ों से खतरों का आकलन करने के लिए, एक लूनर रोबोट आर्म और छह विज्ञान उपकरणों के साथ चार-पैर वाले इस लैंडर को डिजाइन किया गया है.
• चंद्रमा लैंडर चंद्र मिशनों के लिए यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) द्वारा निर्मित एक कैमरे का उपयोग करेगा. यूरोपीय पायलट-डी कैमरा चंद्रमा के विभिन्न क्षेत्रों की इमेजेज लेगा. यह डाटा चंद्रमा पर ESA को लैंडिंग के लिए तैयार करने में मदद करेगा.
• लूना 25 रूस द्वारा योजनाबद्ध पांच चंद्र अभियानों में से एक है. यह देश वर्ष, 2023 या वर्ष, 2024 में लूना 26 लॉन्च करेगा. लूना 27 वर्ष, 2027 में लॉन्च होने की उम्मीद है. शेष दो मिशनों के बारे में अभी तक विवरण निर्धारित नहीं किया गया है.
• इससे पूर्व, वर्ष 1959 में सोवियत संघ ने अपना पहला लूना 1 मिशन शुरू किया था. यह चंद्रमा पर उतरने वाला पहला मानव रहित अंतरिक्ष यान था.
चंद्रमा के लिए दौड़: अन्य देशों द्वारा शुरू किये जाने वाले चंद्र मिशन
संयुक्त राज्य अमेरिका अपने आर्टेमिस कार्यक्रम के तहत वर्ष, 2024 में अगले पुरुष यात्री और पहली महिला यात्री को चंद्रमा पर उतारने की योजना बना रहा है.
दिसंबर, 2020 में चीन का अंतरिक्ष यान चांग -5 चंद्रमा पर मौजूद विशाल ज्वालामुखीय मैदानी महासागरों में से चंद्र के टुकड़ों को पृथ्वी पर वापस लाया.
भारत वर्ष, 2022 तक अपने तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान -3 को लॉन्च करने की योजना बना रहा है.
इजरायल, चंद्रमा पर उतरने के अपने पहले असफल प्रयास के बाद, बेरेसैट 2 के साथ पुन: प्रयास करेगा.
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