शहीद भगत सिंह (Bhagat Singh) का जन्म पंजाब प्रांत के लायपुर जिले के बंगा में हुआ था. इस बार उनकी 112वीं जन्म जयंती मनाई जा रही है. भगत सिंह ने नौजवानों के दिलों में आजादी का उमंग भरा था. उन्होंने 23 साल की उम्र में देश के लिए अपनी जान दे दी थी.
महात्मा गांधी ने जब साल 1922 में चौरीचौरा कांड के बाद असहयोग आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की तो भगत सिंह का अहिंसावादी विचारधारा से मोहभंग हो गया था. उन्होंने साल 1926 में देश की आजादी हेतु नौजवान भारत सभा की स्थापना की.
भगत सिंह के जीवन से जुड़ी 10 महत्वपूर्ण बातें
• भगत सिंह का जन्म 27 सितंबर 1907 को लायपुर जिले के बंगा में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है.
• भगत सिंह ने 14 वर्ष की आयु में ही सरकारी स्कूलों की पुस्तकें और कपड़े जला दिये. इसके बाद इनके पोस्टर गांवों में छपने लगे थे.
• परिजनों ने जब भगत सिंह की शादी करवानी चाही तो वे घर छोड़कर भाग गये. उन्होंने अपने पीछे जो खत छोड़ गए उसमें लिखा कि उन्होंने अपना जीवन देश को आजाद कराने के महान काम हेतु समर्पित कर दिया है.
• भगत सिंह को फिल्में देखना तथा रसगुल्ले खाना बहुत ही पसंद था. वे राजगुरु तथा यशपाल के साथ जब भी समय मिलता था, फिल्म देखने चले जाते थे.
• भगत सिंह ने एक शक्तिशाली नारा ‘इंकलाब जिंदाबाद’ गढ़ा, जो भारत के सशस्त्र संघर्ष का मुख्य नारा बन गया था.
• भगत सिंह का जन्म एक सिख परिवार में हुआ था, उन्होंने अपनी दाढ़ी मुंडवा ली तथा हत्या के लिए पहचाने जाने और गिरफ्तार होने से बचने हेतु अपने बाल काट लिए. वे लाहौर से कलकत्ता भागने में सफल रहे थे.
• भगत सिंह ने जेल में अपनी कैद के दौरान बहुत सारे किताबें पढ़ीं. उन्हें जब फांसी दी जानी थी, उस समय वो लेनिन की जीवनी पढ़ रहे थे.
• भगत सिंह को जिस स्थान पर फांसी दी गयी थी, आज वो स्थान पाकिस्तान में है.
• भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त ने 08 अप्रैल 1929 को केंद्रीय असेंबली में बम फेंका था. उन्होंने बम फेंकने के बाद गिरफ़्तारी दी और उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा चला गया था.
• भगत सिंह को 24 मार्च 1931 को फांसी देना सुनिश्चित किया गया था, लेकिन अंग्रेज इतना डरे हुए थे कि उन्हें 11 घंटे पहले ही 23 मार्च 1931 को फांसी पर चढ़ा दिया गया था.
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