खेल मंत्रालय ने हाल ही में भारतीय जिम्नास्टिक महासंघ (जीएफआई) को दस साल बाद मान्यता दे दी है. नवंबर 2019 में अध्यक्ष पद पर सुधीर मित्तल के चुनाव को रिकॉर्ड में रखा गया है. यह मान्यता 31 दिसंबर तक के लिए दी गई है.
खेल मंत्रालय ने साल 2011 में महासंघ में लड़ाई के कारण इसकी मान्यता रद कर दी थी. फिलहाल खेल मंत्रालय राष्ट्रीय खेल महासंघों को एक साल के आधार पर मान्यता दे रहा है. खेल मंत्रालय ने 31 दिसंबर 2021 तक तत्काल प्रभाव से जिमनास्टिक फेडरेशन ऑफ इंडिया को राष्ट्रीय खेल महासंघ के रूप में मान्यता दे दी है.
महासंघ को जारी मंत्रालय के एक पत्र में कहा गया कि आपकी मान्यता तुरंत प्रभाव से बहाल करने का फैसला लिया गया है जो 31 दिसंबर 2021 तक प्रभावी रहेगी. मंत्रालय ने कोषाध्यक्ष कौशिक बीड़ीवाला के चुनाव को भी रिकॉर्ड में रखा लेकिन कहा कि शांति कुमार को महासचिव के तौर पर स्वीकार करने का फैसला मणिपुर उच्च न्यायालय के फैसले के बाद लिया जायेगा.
मंत्रालय ने क्या कहा?
मंत्रालय के एक अन्य आदेश में कहा गया कि जीएफआई के संविधान/एमओए को 2011 के खेल संहिता के प्रावधानों के तहत काम करना होगा. इसमें कहा गया कि जीएफआई को छह महीने के भीतर अपने संविधान में खेल संहिता के प्रावधानों का स्पष्ट रूप से पुष्टिकरण करने की आवश्यकता है ताकि खेल संहिता के अनुरूप इसे पूरी तरह से लाया जा सके.
शांति कुमार ने क्या कहा?
शांति कुमार ने कहा कि मणिपुर उच्च न्यायालय ने खेल मंत्रालय के फैसले पर रोक लगा दी है. उनका तर्क यह है कि महासंघ 2011 से मंत्रालय से मान्यता प्राप्त महासंघ नहीं है तो खेल कोड उस पर लागू नहीं होता.
पृष्ठभूमि
मंत्रालय के अनुसार, शांति कुमार को पांच नवंबर 2019 को हुए चुनाव में महासचिव बनाया गया था, लेकिन मंत्रालय ने खेल कोड 2011 के कार्यकाल के प्रावधानों के उल्लंघन के कारण उनके चुनाव पर आपत्ति जताई थी. खेल मंत्रालय ने कहा कि शांति कुमार पहले कोषाध्यक्ष और महासचिव रह चुके हैं और दोबारा महासचिव के चुनाव के लिए उनका खड़ा होना खेल कोड का उल्लंघन है.
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