अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन द्वारा शरणार्थियों के संबंध में अपनाई गई कठोर नीतियां पर यथास्थिति बनाए रखने की अनुमति की अनुमति प्रदान की है. अदालत ने कल अपने फैसले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाले आवेदन को स्वीकार कर लिया.
ट्रंप प्रशासन के अनुरोध पर 12 सितम्बर 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग पर सुनवाई की. निचली अदालत ने शरणार्थियों पर लगे प्रतिबंध में कुछ छूट प्रदान की थी. इसके तहत अक्तूबर के अंत तक अधिकतम 24,000 शरणार्थियों को देश में प्रवेश करने की अनुमति प्रदान की जा सकती थी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2017 में शरणार्थी नीति की घोषणा की थी. शरणार्थी नीति के सम्बन्ध में अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश अदालत का अंतिम फैसला नहीं है. न्यायमूर्ति इस संबंध में 10 अक्टूबर को भी सुनवायी करने वाले हैं. इसमें मुसलमान बहुल छह देशों और दुनिया भर से आने वाले शरणार्थियों की यात्रा पर लगे प्रतिबंधों की वैधता पर दलीलें सुनी जाएंगी.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की शरणार्थी नीति के अनुसार 90 दिनों का यात्रा प्रतिबंध सितंबर के अंत में जबकि 120 दिनों का शरणार्थियों पर लगा प्रतिबंध उसके एक महीने बाद अक्टूबर में खत्म होने वाला है.
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा हुकाबी सैंडर्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने फैसले के महत्वपूर्ण हिस्से को प्रभावी रहने दिया है. हम अगले महीने सुप्रीम कोर्ट में होने वाली मौखिक दलीलों तक इस फैसले का बचाव करते रहेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला माना है.
पृष्ठभूमि-
डोनल्ड ट्रंप ने जनवरी 2017 में पदभार संभालते ही नई ट्रैवल पॉलिसी लागू की. एक्जीक्यूटिव ऑर्डर नंबर 13769 पर दस्तखत किए. जिसे अमेरिका में विदेशी आतंकियों के एंट्री रोकने वाला आदेश कहा गया. इस आदेश पर अमेरिका की निचली अदालतों ने 6 मार्च 2017 को रोक लगा दी. जिसमें इरान, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागरिकों को अमेरिका में घुसने से रोक दिया गया.
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