भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 18 नवंबर, 2021 को क्रिप्टोकरंसी के विषय पर अपनी पहली सार्वजनिक टिप्पणी में यह कहा कि, सभी लोकतांत्रिक देशों को यह सुनिश्चित करने के लिए एक साथ काम करना चाहिए कि, क्रिप्टोकरंसी "गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को बिगाड़ सकती है."
सिडनी वार्ता के दौरान भारत के प्रधानमंत्री के एक भाषण में यह टिप्पणी आई थी क्योंकि मोदी सरकार अभी भी डिजिटल मुद्रा में लाखों भारतीयों द्वारा किए गए निवेश के प्रबंधन और निगरानी के लिए आवश्यक नियामक ढांचे पर विचार कर रही है.
भारत सरकार ने दावा निपटान प्रक्रिया को बनाया और सरल
सूत्रों ने रॉयटर्स को यह बताया था कि, पिछले सप्ताह नरेंद्र मोदी ने क्रिप्टोकरंसी के भविष्य पर चर्चा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की थी.
क्रिप्टोकरंसी के बारे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान के प्रमुख बिंदु
यह स्वीकार करते हुए कि, डिजिटल युग हमारे चारों ओर सब कुछ बदल रहा है और आज की राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को फिर से परिभाषित कर रहा है, नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि, यह संप्रभुता, शासन, नैतिकता, कानून, अधिकारों और सुरक्षा पर भी नए प्रश्न उठा रहा है.
यह कहते हुए कि भारत ने डाटा सुरक्षा, गोपनीयता और सुरक्षा का मजबूत ढांचा तैयार किया है, नरेंद्र मोदी ने फिर यह कहा कि, 1.3 बिलियन से अधिक विशिष्ट डिजिटल पहचान के साथ, भारत 600,000 गांवों को ब्रॉडबैंड से जोड़ने की राह पर भी अग्रसर है.
प्रधानमंत्री ने आगे यह भी कहा कि, “भारत अपने देश के लोगों के सशक्तिकरण के स्रोत के रूप में इस डिजिटल डाटा का उपयोग करता है. देश को लोकतांत्रिक ढांचे में ऐसा करने का बेजोड़ अनुभव है.”
Comments
All Comments (0)
Join the conversation