प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 25 मई 2016 को राष्ट्रीय पूंजीगत सामान नीति को मंजूरी दी. इसका उद्देश्य वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी पूंजीगत सामान क्षेत्र के लिये ऐसा अनुकूल माहौल तैयार करना है.
राष्ट्रीय पूंजीगत सामान नीति के मुख्य आकर्षण:
• 2025 तक रोज़गार को वर्तमान 84 लाख से बढाकर 3 करोड़ रोजगार के अतिरिक्त अवसर सृजित करना.
• 2025 तक कुल उत्पादन को वर्तमान 2.3 लाख करोड़ रुपये से बढाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुचाना.
• भारत के पूंजीगत सामान क्षेत्र में घरेलू उत्पादन का हिस्सा 2025 तक 60 प्रतिशत से बढाकर 80 प्रतिशत करना.
• घरेलू क्षमता इस्तेमाल को भी बढाकर 80 से 90 प्रतिशत तक पहुंचाना.
• पूंजीगत वस्तुओं के ‘निर्यात को बढाकर उत्पादन के मौजूदा 27 प्रतिशत के स्तर से बढ़ाकर 40 प्रतिशत करना.
• समूचित विनिर्माण गतिविधियों में पूंजीगत सामान का हिस्सा मौजूदा 12 प्रतिशत से बढाकर 2025 तक 20 प्रतिशत तक पहुंचाना.
• इनमे वित्तपोषण, कच्चा माल, नवोन्मेष व प्रौद्योगिकी, उत्पादकता, गुणवत्ता, पर्यावरण अनुकूल विनिर्माण गतिवधियां, निर्यात को बढ़ावा देना तथा घरेलू मांग पैदा करना भी शामिल है.
टिपण्णी
यह परियोजना विश्व में भारत को पूंजीगत उत्पादद के क्षेत्र में महत्वापूर्ण स्थान दिलाने में भी मदद करना.
यह नीति मेक इन इंडिया कार्यक्रम में मुख्य भूमिका निभाएगी और विनिर्माण क्षेत्र को मजबूती बनायेगी.
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