बैड बैंक: एक जरूरत

Apr 13, 2017, 11:13 IST

जैसा की हमें ज्ञात है भारत में स्ट्रेस्ड लोन की समस्या को सुलझाने हेतु इकनोमिक सर्वे तथा वित्तमंत्रालय ने बैड बैंक के विचार को प्रस्तावित किआ है. बैड बैंक क्या है तथा इसके क्या प्रभाव होंगे इसका विश्लेषण हमने इस लेख में विस्तृत रूप से किआ है.

बैड बैंक का विचार‘बैड बैंक’ का विचार तब से मुख्यधारा में आना शुरू हुवा जबसे बुरे लोनों की संख्या तेजी से बढ़ने लगी. ‘बैड बैंक’ एक केन्द्रीय एजेंसी होगी जो सार्वजानिक क्षेत्र के सबसे बुरे लोनों को अपने कब्जे में ले लेगी ताकि इन बैंको की बैलेंस शीट को दुरुस्त किया जा सके. यह एजेंसी कर्जो को कम करने हेतु राजनीतिक रूप से कठिन निर्णय भी लेगी जो देश की आर्थिक गति विधियों में तेजी लाएगा.

बैड बैंक’ क्या है?

बैड बैंक की संकल्पना काफी सरल है. इसके तहत बैंको की परिसम्पत्तियों को दो भागो में विभाजित किया जाता है. अच्छा और बुरा. इसके बाद बैंको की अच्छी संपत्तियों का  बुरी परिसम्पत्तियों  द्वारा संदूषण नहीं होगा.
यह निवेशको की चिंताओं को भी दूर करेगा जिसकी वजह से बैंक अपनी पारदर्शिता तथा स्वास्थ्य बनाए रखने पे ध्यान केन्द्रित कर सकेंगे.

 बैड बैंक का इतिहास

जैसा की अब हमें ज्ञात है कि बैड बैंक सार्वजानिक बैंको के बुरी परिसम्पत्तियों को अपने कब्जे में करके बैंको को उनकी  व्यावसायिक गतिविधियों पर ध्यान केन्द्रित करने में मदद करता है.
पहली बार बैड बैंक का गठन मेलान बैंक, जो पिट्सबर्ग में स्थित है, में हुवा था. यह कदम रियल स्टेट से जुड़े बैंक के व्यवसाय की समस्याओं को सुलझाने के लिए हुआ था.
मकैंजी एंड को के अनुसार बैड बैंक की संकल्पना को कई यूरोपियन देशो की बैंकिंग के संकट के समय इस्तेमाल किआ गया.
भारत में लोन की समस्या
भारत में बुरे लोनो का मुख्य कारण 2004-08 के दौरान लोनों में आया उछाल है. इस दौरान भारत की अर्थव्यवस्था 9-10 प्रतिशत की विकास दर से आगे बढ़ रही थी.
लेकिन बुरे लोन की समस्या का यह केवल एक मात्र कारण नहीं है. इसके अलवा विगत वर्षो में इस समस्या को सुलझाने में सरकार की विफलता का योगदान भी भारत में बुरे लोनों की समस्या को और अधिक विकट बनाती है.
इसके अलावा ट्विन बैलेंस  शीट की समस्या भारत में कई सालो से चली आ रही है. भारत में कुल लोन का 12% स्ट्रेस्ड परिसंपत्ति हैं.
सार्वजानिक बैंक, जो भारत में बैंकिंग का 70 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखते हैं, के 16% लोन स्ट्रेस्ड लोन हैं.
इकनोमिक सर्वे (2016-17) यह बताता है कि अभी तक कुल के 4-5% तक के बैड लोन अभी तक सरकार की गिनती से बाहर ही हैं. इस हिसाब से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंको के कुल लोन का 20% लोन बैड लोन हैं.

बैड बैंक का स्थापन

एक बैड बैंक की स्थापना एक जटिल कार्य है. इसके साथ यह मान लेना गलत है की यह भारत के बैंकिंग क्षेत्र की साड़ी समस्याएँ सुलझा देगा. सभी समस्याओं के लिए एक बैड बैंक बनाना एक प्रभाव रहित तथा महंगा कार्य होगा. इकनोमिक सर्वे (2016-17)  ने नॉन परफोर्मिंग परिसम्पत्ति की समस्या हल करने हेतु  PARA का सुझाव दिया है.
बैंकों के लिए यह निश्चित करना महत्वपूर्ण है कि बुरी परिसंपत्तियों को बैंक की बैलेंस शीट मं  रखा जाये या नहीं. बैलेंस शीट से बुरी परिसम्पत्तियो को अलग करना निवेशकों तथा प्रतिपक्ष के लिए अच्छा है. यह बैंको के सञ्चालन में पारदर्शिता भी लाता है. लेकिन यह काफी जटिल तथा महंगा है.
बैंको के लिए यह तय करना भी महत्त्वपूर्ण है कि वो अपनी बुरी परिसम्पत्तियों को विशेष प्रयोजन संस्था के साथ पुनर्गठित करे.

कार्यान्वयन में चुनौतियाँ

अब हमें यह ज्ञात है कि बैड बैंक की परिकल्पना काफी आसान है परन्तु इसका इसका क्रियान्वयन बहुत जटिल है. आर्थिक और बैंकिंग विशेषज्ञों ने एक मत से यह माना है कि बैड बैंक की संरचना तथा डिजाइन बैड बैंक की सफलता के लिए काफी महत्वपूर्ण है. बैड बैंक की स्थापना करने के लिए काफी तरह के विकल्प उपलब्ध हैं.
बैड बैंक की परिकल्पना के कुछ आलोचकों का ये भी मानना है कि बैड बैंक स्ट्रेस्ड लोनों को बैंक से दूसरी संस्था में स्थानांतरित करेगा. इसीलिये बुरे लोनो के पुनर्गठन पर ध्यान केन्द्रित करना भी बहुत जरुरी है.
इसके अलावा एहतियात तथा साख के कारण बैंकर्स को बैड लोन की परिसंपत्तिया कम दर पर बेचने में भी दिक्कतें होंगी. इसीलिए बैड बैंक को परिसम्पत्ती खरीदने के लिए अधिक  बजट की जरूरत होगी जो सरकार का वित्तीय भार बढ़ाएगा.
इसके अलावा राजनीतिक तथा आर्थिक व्यवहार्यता बैड बैंक के क्रियान्वयन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

उपसंहार

बैड बैंक की परिकल्पना तथा बुरे लोन के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि भारत की NPA समस्या का समाधान भारत की राजनीतिक अर्थव्यवस्था को केंद्र में रख कर ही किया जा सकता है.
इसके साथ साथ धोखाधड़ी तथा बकायेदारो के साथ न्याय करने हेतु प्रयास करने होंगे जिससे बैड बैंक की पहल की ओर जनता का विश्वास बढेगा.
बैड बैंक को एक समाधान बनाने हेतु सरकार तथा आरबीआई को यह सुनिश्चित करना होगा कि बैड बैंक घोर पूंजीवादियो तथा भ्रष्ट बैंकर्स के लिए एक खैरात साबित न हो.
इसके लिए एक बहुभागी तथा वृहद् समिति की आवश्यकता होगी. उदहारण के लिए ऋण संकल्प प्राधिकरण जैसा संसद द्वारा एक अधिनयम पारित किया जाए.
इसके साथ साथ सरकार को बैड बैंक को देने के लिए पर्याप्त बजट की जरूरत पढेगी.
अगर यह सब मापदंड पूरे हो जाते हैं तो भारत के लिए यह संभव है कि बुरे लोन या एनपीए से छुटकारा पाया जा सके.

Jagran Josh
Jagran Josh

Education Desk

    Your career begins here! At Jagranjosh.com, our vision is to enable the youth to make informed life decisions, and our mission is to create credible and actionable content that answers questions or solves problems for India’s share of Next Billion Users. As India’s leading education and career guidance platform, we connect the dots for students, guiding them through every step of their journey—from excelling in school exams, board exams, and entrance tests to securing competitive jobs and building essential skills for their profession. With our deep expertise in exams and education, along with accurate information, expert insights, and interactive tools, we bridge the gap between education and opportunity, empowering students to confidently achieve their goals.

    ... Read More

    यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग, रेलवे, डिफेन्स और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए नवीनतम दैनिक, साप्ताहिक और मासिक करेंट अफेयर्स और अपडेटेड जीके हिंदी में यहां देख और पढ़ सकते है! जागरण जोश करेंट अफेयर्स ऐप डाउनलोड करें!

    एग्जाम की तैयारी के लिए ऐप पर वीकली टेस्ट लें और दूसरों के साथ प्रतिस्पर्धा करें। डाउनलोड करें करेंट अफेयर्स ऐप

    AndroidIOS

    Trending

    Latest Education News