मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) से स्कॉर्पीन क्लास की तीसरी पनडुब्बी 'करंज' 31 जनवरी 2018 को लॉन्च की गयी. करंज को प्रोजेक्ट 75 प्रोग्राम के तहत एमडीएल द्वारा बनाया गया है. यह इस परियोजना के तहत बनाई जाने वाली छह पनडुब्बियों में से तीसरी है.
करंज से पूर्व इस श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी पिछले साल 14 दिसंबर को लॉन्च की गई थी. वहीं दूसरी पनडुब्बी खांदेरी भी लॉन्च की जा चुकी है. करंज को नौसेना में शामिल किये जाने के अवसर पर नेवी चीफ एडमिरल सुनील लांबा भी मौजूद थे.
करंज की मुख्य विशेषताएं
• करंज स्वदेशी पनडुब्बी है, जो 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम के तहत तैयार की गई है.
• इसमें लगाए गये आधुनिक उपकरणों से यह दुश्मन को ढूंढकर उस पर सटीक निशाना लगा सकती है.
• कंरज पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबी, 12.3 मीटर ऊंची तथा 1565 टन वजनी है.
• करंज टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है.
• युद्ध की स्थिति में करंज पनडुब्बी हर तरह की अड़चनों से सुरक्षित और बड़ी आसानी से दुश्मनों को चकमा देकर बाहर निकल सकती है.
• करंज रेडार की नज़र से भी बच कर सुरक्षित निकल सकती है.
• पनडुब्बी में ऑक्सीजन खत्म होने की स्थिति में इसमें ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता है. इस वजह से इसमें लंबे समय तक पानी में रहा जा सकता है.
• यह एंटी-सरफेस, एंटी-सबमरीन, ख़ुफ़िया सूचना एकत्रित करना तथा निगरानी जैसे काम करने में भी माहिर है.
स्कॉर्पीन श्रेणी की पहली दो पनडुब्बियां
• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर, 2017 को आइएनएस कलवरी को देश के नाम समर्पित किया था.
• इसके उपरांत खांदेरी पनडुब्बी को 12 जनवरी, 2017 को लॉन्च किया गया था.
• कलवरी और खंडेरी पनडुब्बियां आधुनिक फीचर्स से लैस हैं.
• यह दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगा सकती हैं.
• इसके साथ ही टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती हैं.
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