केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में देश के कुल नौ शहरों में से आंध्र प्रदेश के तीन शहरों को 'वाटर प्लस' टैग से सम्मानित किया है. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि आंध्र प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जहां एक से अधिक 'वाटर प्लस' शहर हैं.
स्वच्छ भारत मिशन और स्वच्छ सर्वेक्षण मूल्यांकन के तहत 'वाटर प्लस' टैग दिया जाता है. इसके तहत आंध्र प्रदेश के तिरुपति नगर निगम, विजयवाड़ा नगर निगम और ग्रेटर विशाखापत्तनम नगर निगम (जीवीएमसी) को यह सम्मान मिला है.
मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने बयान में कहा गया है कि आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय ने निर्धारित मौजूदा प्रोटोकॉल के अनुसार, खुले में शौच से मुक्त का दर्जा प्राप्त करने के बाद 'वाटर प्लस' टैग दिया है.
'वाटर प्लस' के रूप में प्रमाणित
इसमें आगे कहा गया है कि एक नगर निगम को 'वाटर प्लस' के रूप में प्रमाणित तभी किया जा सकता है बशर्ते घरों, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, नालों, सीवरों आदि से निकलने वाले पनी का पर्यावरण में छोड़ने से पहले फसका सही तरीके और तय मानदंडो के मुताबिक उपचार और प्रबंधन किया गया हो.
'वाटर प्लस' टैग
बता दें कि इससे पहले स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 के तहत, इंदौर पहला शहर था जिसे 11 अगस्त 2021 को 'वाटर प्लस' टैग दिया गया था. इंदौर 7 सीवरेज उपचार संयंत्रों से लगभग 110 मिलियन लीटर प्रति दिन (एमएलडी) उपचारित पानी का उपयोग करता है. इसके अतिरिक्त शहर भर में 147 विशेष प्रकार के मूत्रालय स्थापित किया गया है.
स्वच्छ सर्वेक्षण क्या है?
स्वच्छ सर्वेक्षण स्वच्छ भारत मिशन का एक हिस्सा है. इसमें स्वच्छता और सफाई के अंतर्गत भारत भर के शहरों का वार्षिक सर्वेक्षण किया जाता है. इसे साल 2019 तक भारत को स्वच्छ और खुले में शौच मुक्त देश की तरफ ले जाने के उद्देश्य से शुरू किया गया था. पहला स्वच्छ सर्वेक्षण 2016 में 73 शहरों में आयोजित किया गया था. साल 2020 में 4,242 शहरों में मूल्यांकन किया गया था.
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