टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 16 अगस्त 2021 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से वियतनाम युद्ध और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
अफगानिस्तान संकट: क्यों चर्चा में है साइगॉन, जानें विस्तार से
अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की हड़बड़ी में हुई वापसी से पैदा हुए हालात ने लोगों को वियतनाम युद्ध की याद दिला दी है. पूर्वी एशिया के इस देश में अमेरिका आया तो कम्युनिज्म को खत्म करने के लिए था, लेकिन परिस्थिति ऐसी बनी कि उसे उल्टे पांव भागना पड़ा. उस समय भी अमेरिका को अपने राजनयिकों को निकालने के लिए साइगॉन में अपने दूतावास के ऊपर हेलिकॉप्टर उतारने पड़े थे.
वियतनाम युद्ध साल 1955 से साल 1975 तक लड़ा गया था. अमेरिका ने इस दौरान अपने सहयोगी दक्षिणी वियतनाम को उत्तरी वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार से बचाने के लिए सेना भेजी थी. जिस कारण यह रूस के शागिर्द युद्ध उत्तरी वियतनाम की कम्युनिस्ट सरकार और अमेरिकी सेना के बीच लड़ा गया.
अफगानिस्तान पर फिर तालिबान का कब्जा, अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी ने छोड़ा देश
तालिबान के आतंकियों ने सुबह से ही काबुल की घेराबंदी कर ली थी. बाद में जब वे काबुल में घुसे अफगानिस्तान की फौज ने सरेंडर कर दिया. इसके बाद सरकार और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच बातचीत हुई और राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश से ताजिकिस्तान के लिए रवाना हो गए हैं.
तालिबान ने अफगानिस्तान पर लगभग दो दशक बाद फिर कब्जा जमाया है. सितंबर, 2001 में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर और अन्य जगहों पर अलकायदा आतंकियों के हमला किया था. इसके बाद अफगानिस्तान पर अमेरिकी हमले के बाद तालिबान को सत्ता छोड़कर भागना पड़ा था.
प्रधानमंत्री मोदी का घोषणा, सरकार 2024 तक गरीबों को पोषणयुक्त चावल मुहैया कराएगी
पीएम मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि कुपोषण और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी के कारण गरीब बच्चों का विकास प्रभावित हो रहा है. इसे देखते हुए यह फैसला किया गया है कि विभिन्न सरकारी योजनाओं के जरिए गरीबों को दिए जाने वाले चावल को पोषणयुक्त बनाया जाएगा.
भोजन के जरिए हमारे शरीर में पोषक तत्व (विटामिन और मिनरल) पहुंचते हैं. लेकिन आज के दौर में बदलते खाने के तौर-तरीकों और गरीब वर्ग के असंतुलित भोजन की वजह से इनकी कमी बढ़ गई है. इसे दूर करने के लिए कंपनियों द्वारा बनाए विटामिन और मिनरल को खाद्य पदार्थों में प्रोसेसिंग के जरिए मिलाया जाता है.
नवरोज मुबारक 2021: जानिये पारसी नव वर्ष के इतिहास और महत्व के बारे में यहां
इस त्यौहार को नवरोज के नाम से भी जाना जाता है जो फारसी शब्द 'नव' और 'रोज' से बना है और जिसका अर्थ है 'नया दिन'. पारसी नव वर्ष का उत्सव हर साल 21 मार्च के आसपास वसंत विषुव/ इक्वीनॉक्स के आसपास होता है.
हालांकि, भारत में पारसी समुदाय शहंशाही कैलेंडर का पालन करता है जिसमें लीप वर्ष नहीं होता है, और इसलिए नवरोज का उत्सव अब वसंत विषुव की अपनी मूल तिथि से 200 दिनों के लिए स्थानांतरित हो गया है.
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