टॉप हिन्दी करेंट अफ़ेयर्स, 09 दिसंबर 2020 के अंतर्गत आज के शीर्ष करेंट अफ़ेयर्स को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रूप से माउंट एवरेस्ट और कोरोना वायरस आदि शामिल हैं.
माउंट एवरेस्ट का ऊंचाई बढ़ा, अब 8848.86 मीटर हुई ऊंचाई
विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई में वृद्धि को लेकर जारी अटकलों पर विराम लग गया है. नेपाल और चीन ने साझे तौर पर घोषणा किया है कि माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई तय हो गई है. यह साल 1954 में सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा मापी गई ऊंचाई से 86 सेंटीमीटर ज्यादा है.
दरअसल, नेपाल सरकार का ऐसा अनुमान था कि साल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप सहित विभिन्न कारणों से चोटी की ऊंचाई में बदलाव आ सकता है. इसलिए चोटी की सही ऊंचाई को मापने का फैसला किया गया था. सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा साल 1954 में की गई माप के अनुसार, माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,848 मीटर थी.
One Nation, One Ration Card: 9 राज्यों ने 'वन नेशन वन राशन कार्ड' सुधार को सफलतापूर्वक पूरा किया
कोरोना महामारी ने देश के सामने जो चुनौतियां लेकर आई हैं, उसको देखते हुए देश की सरकार ने राज्यों को मजबूती देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. इसमें से एक यह भी है कि साल 2020-21 सकल राज्य घरेलू उत्पाद के दो प्रतिशत की अतिरिक्त उधार की अनुमति को शामिल किया गया है.
वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना का मुख्य मकसद यह था कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रवासी श्रमिकों और लाभार्थियों के परिवारों को मिलता रहे. उन्हें देशभर में कहीं पर भी उचित मूल्य पर राशन मिलता रहे. वन नेशन, वन राशन कार्ड योजना में देश में रहने वाली किसी भी नागरिक का एक ही राशन कार्ड होगा.
बांग्लादेश और भूटान ने किये पहले तरजीही व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर
बांग्लादेश के वाणिज्य मंत्री टीपू मुंशी और भूटान के आर्थिक मामलों के मंत्री ल्योनपो लोकनाथ शर्मा ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में इस समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. बांग्लादेश की प्रधान मंत्री शेख हसीना ढाका से और भूटान के प्रधानमंत्री लोटे शेरिंग थिम्पू से, अपने आधिकारिक आवासों से इस कार्यक्रम में शामिल हुए.
इस तरजीही व्यापार समझौते से इन दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने के लिए महत्त्वपूर्ण योगदान की उम्मीद जताई जा रही है. इस समझौते के तहत, बांग्लादेश के 100 उत्पादों और भूटान के 34 उत्पादों को एक-दूसरे के बाजारों में शुल्क-मुक्त प्रवेश मिलेगा.
चीन ने पहली बार ‘कृत्रिम सूर्य’ ऊर्जा को सफलतापूर्वक संचालित किया
चीन ने तकनीक के मामले में नित नए मुकाम हासिल कर रहा है. चीन ने तकनीक के मामले में अमेरिका, रूस और जापान जैसे विकसित देशों को पछाड़ दिया है. चीन द्वारा हाल ही में अपने ‘कृत्रिम सूर्य’ परमाणु संलयन रिएक्टर का सफलतापूर्वक संचालन किया गया जो देश के परमाणु ऊर्जा अनुसंधान क्षमता के क्षेत्र में एक महान उपलब्धि है.
इसका उद्देश्य विश्व के सबसे बड़े टोकामक यंत्र का निर्माण करना है ताकि बड़े पैमाने पर कार्बन-मुक्त ऊर्जा के स्रोत के रूप में संलयन की व्यवहार्यता को सिद्ध किया जा सके. इस परियोजना का उद्देश्य ये भी था कि प्रतिकूल मौसम में भी सोलर एनर्जी को बनाया जा सके. कृत्रिम सूरज का प्रकाश असली सूरज की तरह तेज होगा.
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