संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव बान की मून ने 20 मई 2016 को आयरलैंड के पूर्व राष्ट्रपति मैरी रॉबिन्सन और केन्याई राजनयिक मचारिया कमाउ को एल नीनो और जलवायु मामलों का विशेष दूत नियुक्त किया.
हर दो से सात साल में आने वाले अल नीनो मौसमी बदलाव के कारण बारिश का चक्र प्रभावित होता है और सूखे एवं बाढ़ जैसी स्थिति भी पैदा हो जाती है.
मैरी रॉबिन्सन कौन है?
• रॉबिन्सन वर्तमान में मैरी रॉबिन्सन फाउंडेशन के अध्यक्ष है.
• वह आयरलैंड की पहली महिला राष्ट्रपति थी जिनका कार्यकाल वर्ष 1990 से 1997 तक रहा.
• उन्होंने वर्ष 1997 से 2002 तक मानव अधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त के रूप में कार्य किया.
• रॉबिन्सन संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के उच्चायुक्त और जलवायु परिवर्तन के लिए बान के विशेष दूत भी रह चुकी हैं.
मचारिया कमाउ कौन है?
• कमाउ संयुक्त राष्ट्र में केन्या के स्थायी प्रतिनिधि है.
• वे संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष है.
• वह पूर्व सतत विकास लक्ष्यों पर महासभा कार्यकारी समूह के सह अध्यक्ष भी है.
अल नीनो से संबंधित तथ्य:
• यह पूर्वी प्रशांत क्षेत्र में पश्चिमी प्रशांत और कम हवा के दबाव के कारण आता है.
• यह वर्षा पैटर्न को प्रभावित करता है और दोनों सूखे और बाढ़ का कारण बनता है.
• संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक 4 लाख लोगों को अल नीनो संबंधित सूखे के कारण भोजन सहायता की आवश्यकता होगी.
• इथियोपिया पिछले 50 वर्षो में अब तक के सबसे भयंकर सूखे का सामना कर रहा है.
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