संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने हाल ही में एक उल्लेखनीय पहल करते हुए बहुभाषावाद पर भारत द्वारा पेश प्रस्ताव को पारित किया है. इसमें संयुक्त राष्ट्र के कामकाज में हिंदी एवं अन्य भाषाओं को भी बढ़ावा देने का पहली बार जिक्र किया गया है. हाल ही में पारित प्रस्ताव में संयुक्त राष्ट्र को हिंदी भाषा सहित अन्य भाषाओं में महत्वपूर्ण संचार और संदेशों का प्रसार जारी रखने हेतु प्रोत्साहित करता है.
पहली बार इस साल प्रस्ताव में हिंदी भाषा का उल्लेख है. इस संकल्प में पहली बार बांग्ला एवं उर्दू का भी उल्लेख है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि इस साल पहली बार प्रस्ताव में हिंदी भाषा का उल्लेख है. बता दें राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने इस पहल का स्वागत किया है.
मूलभूत मूल्यों के रूप में मान्यता
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि एवं राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि बहुभाषावाद को संयुक्त राष्ट्र के मूलभूत मूल्यों के रूप में मान्यता दी गई है. उन्होंने बहुभाषावाद और हिंदी को प्राथमिकता देने हेतु यूएन महासचिव के प्रति आभार प्रकट किया.
भारतीय प्रतिनिधि ने क्या कहा?
भारतीय प्रतिनिधि ने कहा कि भारत साल 2018 से यूएन के वैश्विक संचार विभाग (डीजीसी) के साथ साझेदारी कर रहा है. यूएन के समाचार और मल्टीमीडिया सामग्री को हिंदी में प्रसारित करने और मुख्यधारा में लाने हेतु अतिरिक्त राशि दे रहा है.
इसका मुख्य उद्देश्य
राजदूत टीएस तिरुमूर्ति ने आगे कहा कि यूएन में हिंदी को बढ़ावा देने के प्रयासों के अंतर्गत साल 2018 में 'हिंदी @ यूएन' (Hindi @ UN) परियोजना आरंभ की गई. इसका मुख्य उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र की सार्वजनिक सूचनाएं हिंदी में देने को बढ़ावा देना एवं विश्वभर के करोड़ों हिंदी भाषी लोगों के बीच वैश्विक विषयों के बारे में अधिक जागरूकता लाना है.
संयुक्त राष्ट्र में छह आधिकारिक भाषाएं
संयुक्त राष्ट्र में अंग्रेजी, फ्रेंच, अरबी, चीनी, रूसी एवं स्पेनिश ये छह आधिकारिक भाषाएं हैं. जबकि, अंग्रेजी एवं फ्रेंच संयुक्त राष्ट्र सचिवालय की कामकाजी भाषाएं हैं. यह संगठन के काम में सभी की प्रभावी भागीदारी के साथ-साथ अधिक पारदर्शिता एवं दक्षता तथा बेहतर परिणाम सुनिश्चित करता है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation