केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सौर और पवन ऊर्जा में लगने वाले सामान पर उत्पाद एवं सीमा शुल्क में बड़ी कटौती का प्रस्ताव किया. साथ ही 20,000 मेगावाट क्षमता को सृजित करने, सौर पार्क के विकास और स्थापित किये जाने की घोषणा की.
आम बजट 2017-18 में अक्षय उर्जा के क्षेत्र में किये गये प्रस्तावों के बाद बिजली मंत्री पीयूष गोयल ने शीघ्र ही देश में 20,000 मेगावाट क्षमता के सौर पार्कों की नीलामी आराम्भ करने की घोषणा की.
शुल्क कटौती के मुख्य बिंदु-
- वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट 2017-18 में मध्यम अवधि में 7,000 रेलवे स्टेशनों को सौर बिजली से संचालित करने का प्रस्ताव किया.
- वित्त मंत्री अरूण जेटली के अनुसार 300 स्टेशनों पर पहले ही यह काम किया जा रहा है.
- 1,000 मेगावाट सौर मिशन के तहत 2,000 रेलवे स्टेशनों पर काम शुरू किए जाने की तैयारी है.
- वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सौर सेल (पैनल) मोड्यूल में इस्तेमाल होने वाले सोलर टेम्पर्ड ग्लास पर शून्य मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) लगाने का प्रस्ताव बजट में ओरास्तुत किया.
- वर्तमान में इस पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) 5 प्रतिशत है.
- वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोलर टेम्पर्ड ग्लास के विनिर्माण में प्रयोग किए जाने वाले कल-पुर्जे कच्चे माल पर प्रतिपूरक शुल्क (सीवीडी) 12.5 प्रतिशत से कम कर 6.0 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव किया.
- आम बजट 2017-18 में इन सामानों पर उत्पाद शुल्क 12.5 प्रतिशत से कम कर 6.0 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव किया गया.
- इसमें पवन चालित उर्जा उत्पादकों हेतु ‘कास्ट कंपोनेनेट’ के विनिर्माण में काम आने वाले रेजिन और उत्प्रेरक पर लगने वाला बीसीडी, सीवीडी और एसएडी (विशेष अतिरिक्त शुल्क) 24 प्रतिशत से कम कर 5 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया.
- आम बजट 2017-18 में इन सामानों पर उत्पाद शुल्क शून्य किए जाने का प्रस्ताव किया गया है जो वर्तमान में 12.5 प्रतिशत है.
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