केंद्र सरकार ने 26 सितंबर 2018 को नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन पॉलिसी (NDCP) को मंजूरी प्रदान की. इसका उद्देश्य वर्ष 2022 तक टेलीकॉम सेक्टर में 10 हजार करोड़ का निवेश और 40 लाख रोज़गार के अवसर पैदा करना है.
नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन पॉलिसी के ड्राफ्ट में नेट निरपेक्षता पर भी जोर दिया गया है. इसके साथ ही डिजिटल विषयवस्तु के साथ कोई भेदभाव न करते हुए पारदर्शिता को बढ़ावा देने की बात कही गई है.
नेशनल डिजिटल कम्युनिकेशन पॉलिसी के प्रमुख तथ्य
• इसके तहत सभी के लिए ब्रॉडबैंड का प्रावधान किये जाने की बात कही गई है.
• नई दूरसंचार नीति के तहत वर्ष 2020 तक देश के हर एक नागरिक को 50 एमबीपीएस की तथा हर एक ग्राम पंचायत को एक जीबीपीएस की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
• डिजिटल कम्युनिकेशन के क्षेत्र में लगभग 40 लाख रोजगारों का सृजन किया जाएगा.
• देश के जीडीपी में इस क्षेत्र का योगदान आठ प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया है जबकि वर्ष 2017 में यह छह प्रतिशत था.
• सूचना एवं संचार तकनीकी विकास सूचकांक में देश को वर्तमान 134वें स्थान से सुधारकर शीर्ष 50 देशों में शामिल करना.
• उपभोक्ताओं की जरूरत को हल करने के लिए एक नए दूरसंचार लोकपाल के गठन और वेब आधारित शिकायत व्यवस्था कायम करने की प्रणाली विकसित करना.
• संचार नीति में स्पेक्ट्रम और टावर नीतियों में अहम बदलाव का सुझाव दिया गया है ताकि इनका कारोबार आसानी से चल सके.
• पॉलिसी में कर्ज की समस्या से जूझ रहे टेलीकॉम सेक्टर को नया जीवन देने के लिए ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के जरिए ज्यादा निवेश आकर्षित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
• वैश्विक मानकों के अनुरूप डेटा सुरक्षा के मानक विकसित करने पर भी जोर दिया गया है. यह सुझाव भी दिया गया है कि उपभोक्ताओं को सुरक्षा के मसले पर जागरूक किया जाए.
डाटा सुरक्षा पर विशेष फोकस |
नई नीति में डिजिटल संचार से निजता, स्वायत्तता तथा व्यक्तिगत चयन के अधिकारों के हनन की संभावनाओं को निरस्त करने के भी उपाय किए गए हैं. इसके लिए नीति में सुरक्षित संचार इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ डाटा सुरक्षा का समग्र व सशक्त तंत्र विकसित करने का वादा किया गया है. यह काम राष्ट्रीय डिजिटल ग्रिड की स्थापना और राष्ट्रीय फाइबर प्राधिकरण के गठन से होगा. इससे केंद्र, राज्यों तथा स्थानीय निकायों के बीच सहयोग का ऐसा तंत्र विकसित होगा जिससे वे साझा ‘राइट ऑफ वे’ के अलावा सेवाओं की लागत और समय सीमाओं के मानक सुनिश्चित कर सकेंगे. |
टिप्पणी
नई दूरसंचार नीति का उद्देश्य 5जी टेलीकॉम सेवाओं, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, क्लाउड कंप्यूटिंग, रोबोटिक्स, और मशीन-टू-मशीन कम्युनिकेशन तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आइओटी) तकनीकों में अग्रणी स्थान प्राप्त करना है. यह नीति राज्यों, केंद्रीय एजेंसियों, दूरसंचार और स्टार्टअप्स कंपनियों को इस बात का पता लगाने में मददगार साबित होगी कि भविष्य में सरकार इस क्षेत्र में किस प्रकार के कदम उठाने वाली है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation