महाराष्ट्र पुलिस ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर विवादित बयान देने वाले नारायण राणे को 24 अगस्त 2021 को गिरफ्तार कर लिया है. केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को महाराष्ट्र पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेकर विवादित बयान देने के बाद से ही नारायण राणे राज्य सरकार के निशाने पर थे.
नारायण राणे को चिपलून से हिरासत में लिया गया है. गिरफ्तारी से पहले उनकी जमानत की अर्जी भी नामंजूर कर दी गई. इससे पहले रत्नागिरि पुलिस अधीक्षक नारायण राणे से मिलने पहुंचे और कागजी कार्रवाई की. इसके बाद उनको गिरफ्तार कर लिया. उनको अब रत्नागिरि कोर्ट में पेश किया जाएगा.
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे द्वारा रत्नागिरी कोर्ट में दायर की गई अग्रिम जमानत की याचिका अदालत द्वारा खारिज कर दी गई है. नारायण राणे के खिलाफ चार एफआईआर दर्ज हैं.
मामला क्या है?
बता दें कि नारायण राणे ने दावा किया कि 15 अगस्त को जनता को खिताब करते हुए उद्धव ठाकरे यह भूल गए थे कि आजादी को कितने साल पूरे हुए हैं. उन्होंने कहा कि भाषण के बीच में वह अपने सहयोगियों से पूछ रहे थे कि स्वतंत्रता दिवस को कितने साल हुए हैं. नारायण राणे ने रायगढ़ जिले में 23 अगस्त को 'जन आशीर्वाद यात्रा' के दौरान कहा कि यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हुए हैं. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता.
केंद्रीय मंत्रीपद से हटाने की मांग
नारायण राणे के बयान पर मचे घमासान के बाद शिवसेना हमलावर हो गई है. शिवसेना के लोकसभा सांसद विनायक राउत ने पीएम मोदी को खत लिखकर नारायण राणे को तत्काल रूप से केंद्रीय मंत्री पद से हटाने की मांग की. राउत ने अपने पत्र में लिखा कि राणे ने पत्रकार परिषद में राज्य के सीएम के लिए जिस भाषा का इस्तेमाल किया वह बेहद निदंनीय है. नारायण राणे जैसा अपनी मर्यादा भूलने वाला केंद्रीय मंत्री ऐसी भाषा का उपयोग करता है तो मुझे लगता है कि उन्हें अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है.
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