अमेरिका और दक्षिण कोरिया की वायु सेनाओं ने 04 दिसम्बर 2017 से अपना सबसे बड़ा संयुक्त अभ्यास शुरू कर दिया. यह पांच दिवसीय संयुक्त युद्धाभ्यास हैं. इस युद्धाभ्यास को "विजिलेंट ऐस" नाम से जाना जाता हैं. इस अभ्यास में दोनों देशों के अत्याधुनिक 230 लड़ाकू विमान हिस्सा ले रहे हैं. इनमें 24 स्टील्थ लड़ाकू विमान शामिल हैं.
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यह अभ्यास उत्तर कोरिया के लंबी दूरी के सफल बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के छह दिन बाद हो रहा है. उत्तर कोरिया ने इस अभ्यास को परमाणु युद्ध भड़काने का प्रयास बताया है. इस संयुक्त अभ्यास का महत्व इसलिए भी बढ़ गया है कि 28 नवंबर 2017 को किए बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण के बाद उत्तर कोरिया ने दावा किया था कि सभी अमेरिकी शहरों पर अब वह परमाणु हमला करने में सक्षम है.
मुख्य तथ्य:
• यह युद्धाभ्यास 8 दिसंबर 2017 तक चलेगा. इस संयुक्त अभ्यास में अमेरिका का पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान एफ-22 रैप्टर भी हिस्सा लिया.
• यह अत्याधुनिक विमान अमेरिका ने किसी अन्य देश को दिए बगैर ही उसका उत्पादन बंद कर दिया है. यह स्टील्थ विमान है जो किसी भी रडार की पकड़ में नहीं आता है.
• इस अभ्यास में करीब 12 हजार सैनिक हिस्सा ले रहे हैं, नौसेना भी इसमें सीमित भूमिका निभा रही है.
तनाव बढ़ने के साथ ही अमेरिका में रिपब्लिकन पार्टी के प्रभावशाली सिनेटर लिंडसे ग्राहम ने चेताया है कि देश उत्तर कोरिया के साथ खतरनाक युद्ध के करीब पहुंचता जा रहा है. उन्होंने कहा कि बैलेस्टिक मिसाइल और परमाणु हथियार के लगातार परीक्षण साबित करते हैं कि प्रतिबंधित देश तकनीक मामले में सुधार करता जा रहा है. ऐसे में देश के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचते हैं.
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