उतर प्रदेश में योगी आदित्य नाथ सरकार एक लाख मेधावी छात्राओं को 10-10 हजार रुपए प्रदान करेगी. यह घोषणा उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने की. उन्होंने परीक्षाओं में नकल रोकने हेतु स्वकेन्द्र प्रणाली बंद करने के आदेश भी जरी किए हैं.
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने माध्यमिक व उच्च शिक्षा के मामले निपटाने हेतु राज्य शैक्षिक अधिकरण बनाने की भी घोषणा की. डॉ. शर्मा ने यह निर्देश 05 जून 2017 को उच्च व माध्यमिक शिक्षा विभाग के प्रस्तुतिकरण के दौरान दिए. माध्यमिक व उच्च शिक्षा के शिक्षकों से संबंधित वादों के न्यायालय से बाहर निपटारे हेतु विस्तृत कार्ययोजना बनाए जाने के आदेश भी उन्होंने पारित किए.
माध्यमिक शिक्षा विभाग के सबसे ज्यादा मुकदमें न्यायालयों में लम्बित है. विभाग को इनकी पैरवी करने में लाखों रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं. इनका निस्तारण न्यायालय से बाहर करने का प्रयास किया जाए.
इस मामले में उच्च न्यायालय के सेवा निवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जाय और इसमें न्यायिक, प्रशासनिक क्षेत्र के साथ-साथ प्रख्यात शिक्षाविद भी शामिल किए जायं.
उन्होंने अपर मुख्य सचिव माध्यमिक व उच्चशिक्षा को निर्देश दिए कि वे जल्द इस संबंध में कार्रवाई कर रूपरेखा तैयार करें. वर्तमान में यूपी बोर्ड में छात्राओं हेतु परीक्षा देने हेतु स्वकेन्द्र प्रणाली लागू है.
प्रमुख तथ्य-
- बैठक में एक लाख मेधावी छात्राओं को 10-10 हजार रुपए एकमुश्त दिए जाने हेतु कैबिनेट में सहमति व्यक्त की गयी.
- उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने अपर मुख्य सचिव राज प्रताप सिंह को इसके लिए बजट में प्रबंध करने के निर्देश भी जारी किए.
- अभी तक माध्यमिक शिक्षा विभाग कक्षा 12 उत्तीर्ण करने वाली मेधावी छात्राओं को 30-30 हजार रुपए एकमुश्त देता है.
- इसकी जगह पर एक लाख मेधावी छात्राओं को एकमुश्त 10-10 हजार रुपए दिए जाएंगे.
- परीक्षाओं में नकल रोकने हेतु परीक्षा केन्द्रों की वीडियोग्राफी कराने के निर्देश जारी किए.
- सभी सरकारी महाविद्यालय 10 जुलाई व सहायता प्राप्त महाविद्यालय 15 जुलाई से खोले जाएंगे.
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