उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 08 मई 2020 को ‘प्रवासी राहत मित्र’ ऐप का लोकार्पण किया. योगी सरकार ने कोरोना वायरस के कारण देशव्यापी लॉकडाउन के बाद दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए इस ऐप को लॉन्च किया है.
यूपी सरकार के अनुसार इस ऐप को लॉन्च करने का उद्देश्य इन मजदूरों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाना है. साथ ही ऐप की सहायता से मजदूरों के स्वास्थ्य पर निगरानी रखने में भी सहूलियत होगी. यह ऐप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राजस्व विभाग, राहत आयुक्त कार्यालय, उत्तर प्रदेश द्वारा तैयार किया गया है.
ऐप का उद्देश्य
इस ऐप का उद्देश्य अन्य प्रदेशों से उत्तर प्रदेश में आने वाले प्रवासी नागरिकों को सरकारी योजना का लाभ, उनके स्वास्थ्य की निगरानी एवं विशेष कर उनके कौशल के लायक भविष्य में नौकरी एवं आजीविका प्रदान करने में मदद करना है. इसके लिए ऐप के जरिये इन प्रवासी नागरिकों का डेटा संग्रह होगा.
मुख्य बिंदु
• सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा आपस में सूचना का आदान प्रदान कर इन प्रवासी नागरिकों के रोजगार और आजीविका के लिए नियोजन एवं कार्यक्रम बनाने में मदद मिलेगी.
• इस ऐप के द्वारा, आश्रय केंद्र में रुके हुए व्यक्तियों एवं किसी भी कारणवश अन्य प्रदेशों से सीधे अपने घरों को पहुंचने वाले प्रवासी व्यक्तियों का पूरा विवरण लिया जायेगा ताकि उत्तर प्रदेश में आने वाले कोई भी प्रवासी छूट न पाए.
• ऐप में व्यक्ति की मूलभूत जानकारी जैसे कि नाम, शैक्षिक योग्यता, अस्थायी और स्थायी पता, बैंक खाता विवरण, कोविड 19 सम्बंधित स्क्रीनिंग की स्थिति, शैक्षिक योग्यता और अनुभव लिया जाएगा. इसमे 65 से भी ज्यादा प्रकार के कौशल का विवरण एकत्र किया जायेगा.
• प्रवासी नागरिकों को दी जाने वाली राशन किट के वितरण की स्थिति भी ऐप में दर्ज की जायेगी. इस ऐप में डाटा डुप्लीकेशन न हो, इसके लिये यूनीक मोबाईल नम्बर को आधार बनाया जायेगा.
मुख्यमंत्री योगी ने की श्रमिकों से अपील
मुख्यमंत्री योगी ने औरंगाबाद रेल हादसे के बाद एक बार फिर दूसरे राज्यों से उत्तर प्रदेश लौटने के इच्छुक श्रमिकों से अपील है कि वे साइकिल से या पैदल न आएं.
ऑफलाइन भी काम करेगा
इस ऐप की मुख्य विशेषता यह भी है कि इसमें ऑनलाइन के साथ-साथ ऑफलाइन भी काम कर सकते हैं. इसके अलावा प्रभावी निर्णय लेने के लिए ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लोगों के डेटा को भी ऐप में अलग-अलग किया जा सकता है. डेटा संग्रह का कार्य शीघ्र सम्पादित हो इसके लिये विकेन्द्रीकृत स्तर पर यथा आश्रय स्थल, ट्रांजिट पॉइंट, व्यक्ति का निवास स्थान पर डेटा संग्रह किया जायेगा.
डाटा संग्रह की जिम्मेदारी
डाटा संग्रह का काम जल्द से जल्द हो इसके लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में डाटा संग्रह की जिम्मेदारी शहरी क्षेत्र में नगर विकास विभाग. नगर निकाय की जिम्मेदारी होगी. साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में सीडीओ और पंचायती राज विभाग होगी.
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