भारतीय– अमेरिकी वनीता गुप्ता को ' द लीडरशिप कॉन्फ्रेंस ऑन सिविल एंड ह्युमन राइट्स' का अध्यक्ष और सीईओ नियुक्त किया गया. इसके साथ ही, गुप्ता, जिन्होंने इससे पहले ओबामा प्रशासन में न्याय विभाग में नागरिक अधिकार विभाग की अध्यक्षता की थी, इस प्रतिष्ठित संगठन की अध्यक्ष बनने वाली पहली महिला बन गईं हैं.
इसके अलावा, गुप्ता संगठन के सहयोगी संगठन, 'द लीडरशिप कॉन्फ्रेंस एजुकेशन फंड' की भी अध्यक्षता करेंगीं. दोनों संगठनों में वे 1 जून 2017 से काम करना शुरु करेंगी.
41 वर्षीय गुप्ता वाडे हेंडरसन का स्थान लेंगी जो संगठन में दो दशकों से भी अधिक समय तक सेवाएं देने के बाद पद से अलग हो रही हैं.
वनीता गुप्ता के बारे में:
• सभी मनुष्यों के लिए भयहीन वकालत के लिए जानी जाती हैं.
• नागरिक अधिकार विभाग की अध्यक्ष के रूप में, गुप्ता ने कई आपराधिक और नागरिक प्रवर्तन प्रयास किए, जिसने विभाग के सबसे परिणामी अवधि में से एक के दौरान समान न्याय और सभी के लिए समान अवसर की रक्षा सुनिश्चित करने में मदद की.
• उन्होंने कई क्षेत्रों जैसे घृणा अपराधों और मानव तस्करी पर अभियोग चलाना, उन्नत संवैधानिक पुलिसिंग और अपराधी न्याय में सुधार, विकलांगता अधिकारों को बढ़ावा देना, सभी के लिए वोट के अधिकार सुनिश्चित करना, एलजीबीटीक्यू व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा करना और शिक्षा, आवास, रोजगार, ऋण देने और धर्म के नाम पर भेदभाव से लड़ने आदि में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं.
• न्याय विभाग में शामिल होने से पहले, उन्होंने अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (एसीएलयू) में डिप्टी लीगल डायरेक्टर और डायरेक्टर ऑफ द सेंटर फॉर जस्टिस के तौर पर सेवाएं दी हैं.
• गुप्ता ने 2006 में बतौर स्टाफ अटॉर्नी एसीएलयू ज्वाइन किया था. संघ में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने टेक्सास में निजी स्तर पर चलाए जा रहे जेल में बंद कर रखे गए दुनिया भर से आए आप्रवासी बच्चों की तरफ से एक महत्वपूर्ण समझौता कराया जिससे आखिरकार उस स्थान पर 'फैमली डिटेंशन' समाप्त हुआ.
हेंडर्सन, जो 21 वर्षों के बाद अपना पद छोड़ेंगे, ने कहा कि नेताओं पर अगली पीढ़ी के लिए नेतृत्व करने एवं सफल होने के लिए प्रोत्साहित करना और मार्ग प्रशस्त करने की जिम्मेदारी है.
दूसरी तरफ, वनीता गुप्ता जो 1 जून 2017 को पद संभालेंगी, ने कहा कि, "ऐसे समय में जब हमारे राष्ट्रीय आदर्श और प्रगति इस प्रकार के मौलिक तरीकों से खतरों में हो, द लीडरशिप कॉन्फ्रेस न्याय, भयमुक्तता और देश में समानता के लिए लड़ाई लगने वाले नागरिक और मानवाधिकार संगठनों का महत्वपूर्ण नस केंद्र है".
गुप्ता ने यह भी कहा कि, "नागरिक और मानवाधिकार कार्य आसान नहीं रहे हैं और ये अभूतपूर्व समय विजन में स्पष्टता, रणनीति और समन्वय की मांग करते हैं ताकि लीडरशिप कॉन्फ्रेंस संघ अनोखे तरीके से चैंपियन बनने के लिए काम कर सके".
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