तुर्की ने अपना ऑफिशियल नाम बदलने का फैसला किया है. संयुक्त राष्ट्र ने हाल ही में तुर्की (Turkey) का नाम बदलने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. संयुक्त राष्ट्र में अब तुर्की (Turkey) का नाम तुर्किये (Türkiye) कर दिया गया है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक के अनुसार तुर्की के विदेश मंत्री मेवतुल कावुसोग्लू ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को एक पत्र लिखा. इस पत्र में तुर्की का नाम ‘तुर्किये’ करने का अनुरोध किया था. बता दें तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन (Recep Tayyip Erdogan) ने फरवरी में तुर्की का नाम बदलने का फैसला किया था. लेकिन आपको क्या पता है कि ऐसी वजह क्या है कि तुर्की को अपना नाम बदलना पड़ा?
तुर्की को अपना नाम क्यों बदलना पड़ा?
तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन ने फरवरी में कहा था कि तुर्की का नाम उसकी सही इमेज सामने लाने हेतु बदला गया है. उन्होंने कहा कि तुर्किये नाम से देश इतिहास से जुड़ा दिखता है. राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि तुर्किये नाम संस्कृति एवं सभ्यता का प्रतिनिधित्व करता है. आपको बता दें कि क्रैबिंज डिक्शनरी में Turkey का मतलब एक ऐसी चीज से होता है जो बुरी तरह फेल हो गया हो.
दरअसल, तुर्की को अंग्रेजी में टर्की कहा जाता है. टर्की का मतलब मूर्ख (fool) भी होता है. यही नहीं, इस शब्द का इस्तेमाल नाकामी के तौर पर भी किया जाता है. बता दें टर्की एक पक्षी का भी नाम है. इसे पश्चिमी देशों में खाया जाता है. इस कारण तुर्की को हीन भावना का सामना करना पड़ता था और कई बार गलतफहमी भी होती थी.
सरकार का क्या है मकसद?
सरकार विश्व में तुर्किये को ब्रांड नेम बनाना चाहती है. इसका मुख्य कारण यह भी है कि टर्की या तुर्की शब्द वहां की भाषा के मुताबिक निगेटिव माना जाता है. इसी वजह से यहां के नागरिक साल 1923 में तुर्की की स्वतंत्रता की घोषणा के बाद से ही इसे ’तुर्किये’ बोलते आ रहे हैं.
अपने नाम इन देशों ने भी बदले हैं
बता दें कुछ वक्त पहले नीदरलैंड ने विश्व में अपनी छवि को आसान बनाने हेतु ‘हॉलैंड’ नाम हटा दिया था. इसके अतिरिक्त मैसेडोनिया ने भी अपना नाम ‘उत्तरी मैसेडोनिया’ कर दिया था. फारस ने साल 1935 में अपना नाम बदल कर ‘ईरान’ कर लिया था. पहले थाईलैंड (Thailand) सियाम हुआ करता था तथा रोडेशिया को जिम्बाब्वे (Zimbabwe) में बदल दिया गया था.
सरकार चला रही है मुहिम
तुर्की के संचार निदेशालय के अनुसार उसने इंटरनेशनल प्लेटफार्मों पर देश के राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय नाम के रूप में ‘तुर्किये’ के उपयोग को और अधिक प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने हेतु मुहिम शुरू किया है. गौरतलब है कि तुर्की की सरकार ने पिछले साल से ही अपने देश का नाम तुर्की लिखना बंद कर दिया था. तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयप एर्दोगन ने आदेश दिया था कि अब से तुर्की की जगह ‘तुर्किये’ लिखा जाए.
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