विश्व आर्थिक मंच (डब्ल्यूईएफ) की वार्षिक बैठक 22 जनवरी 2019 को स्विट्जरलैंड के दावोस में शुरू हो गया है.
इस आयोजन में दुनिया के बड़े-बड़े कारोबरियों अर्थशास्त्र, अंतरराष्ट्रीय संगठनों से लेकर दुनिया के दिग्गज नेता शामिल हुए हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर कमलनाथ पहली बार इस सम्मेलन में शामिल हो रहे हैं, वैसे वो पिछले 17 साल से लगातार दावोस विश्व आर्थिक सम्मेलन में शामिल होते रहे हैं.
दावोस में मुख्य सत्र के बाहर ओपन फोरम में जेन गुडॉल भी हिस्सा लेंगी. जेन गुडॉल मशहूर जंतु वैज्ञानिक हैं. चिम्पांजी को लेकर उनका शोधकार्य बहुत महत्वपूर्ण रहा है.
दावोस में शामिल होने वाले हस्तियां:
दावोस में पांच दिन की इस बैठक में भारत के 100 से अधिक मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सहित दुनियाभर से औद्योगिक और सियासी जगत की 3000 हस्तियां शामिल हो रही हैं.
इस साल इस बैंठक में माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्य नडेला सम्मेलन के को-चेयरमैन होंगे.
जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, स्विट्जरलैंड के राष्ट्रपति यूली मॉरर, जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबी, इटली के प्रधानमंत्री गेसपी कोंट, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू समेत आइएमएफ, डब्ल्यूटीओ, वर्ल्ड बैंक और इस तरह की अन्य संस्थाओं के प्रमुख शामिल होंगे.
भारत से इस सम्मेलन में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, केंद्रीय वाणिज्य व उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु, आंध्र प्रदेश के मंत्री लोकेश नारा तथा पंजाब के मंत्री मनप्रीत बादल के अलावा गौतम अडानी, मुकेश अंबानी, संजीव बजाज, एन चंद्रशेखरन, सज्जन जिंदल, आनंद महिंद्रा, सुनील मित्तल, नंदन निलेकणी, सलिल पारेख, अजीम प्रेमजी, रवि रुइया, अजय सिंह, करण जौहर, पूर्व आरबीआइ गवर्नर रघुराम राजन, केवी कामथ और गीता गोपीनाथ जैसी हस्तियां शिरकत कर रही हैं.
अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इस साल इस आयोजन का हिस्सा नहीं होंगे. डोनाल्ड ट्रंप ने अमरीका और मैक्सिको सीमा विवाद को लेकर चल रही परेशानियों को देखते हुए ये फैसला लिया है.
इस साल इस बैठक में ब्रिटेन की प्रधानमंत्री टेरीजा मे, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों तथा रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन घरेलू कारणों से इसमें हिस्सा नहीं ले रहे हैं.
ग्लोबलाइजेशन 4.0 आयोजन की थीम:
विश्व आर्थिक मंच पर चौथी औद्योगिक क्रांति का आकार कैसा हो इस पर चर्चा के लिए विश्व जगत की बड़ी हस्तिया एकत्रित हो रही हैं. समूचा विश्व चाहता है कि औद्योगिक क्रांति की चौथी लहर मानव केंद्रित, समावेशी और पर्यावरण तथा भावी पीढ़ी को ध्यान में रखकर विकास केंद्रित हो.
इस आयोजन में छह महत्वपूर्ण विषयों बहु वैचारिक विश्व में भू-राजनीति, अर्थव्यवस्था का भविष्य, औद्योगिक व्यवस्था और तकनीकी नीति, वैश्विक संस्थागत सुधार, मानव निधि और समाज, व्यवस्थागत सोच को बढ़ावा देने के लिए लचीलापन और उसका जोखिम पर चर्चा केंद्रित होगी.
विश्व आर्थिक मंच के बारे में:
विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है. इसका मुख्यालय जिनेवा में है. स्विस अधिकारीयों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता प्राप्त हुई है.
इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैशविक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है.
विश्व आर्थिक मंच की स्थापना वर्ष 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम श्वाब द्वारा की गई थी. उस वर्ष यूरोपियन कमीशन और यूरोपियन प्रोद्योगिकी संगठन के सौजन्य से इस संगठन की पहली बैठक हुई थी.
इस फोरम की सर्वाधिक चर्चित घटना वार्षिक शीतकालीन बैठक में होती है जिसका आयोजन दावोस नामक स्थान पर किया जाता है.
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