विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया गया

Dec 6, 2018, 15:25 IST

प्रथम विश्व मृदा दिवस 05 दिसंबर 2014 को संपूर्ण विश्व में मनाया गया था. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ. रणधीर सिंह ने कहा कि खेती के तौर-तरीकों और वातावरण में हुए बदलाव का असर मिट्टी व पानी दोनों पर पड़ा है.

World Soil Day observed
World Soil Day observed

विश्वभर में 05 दिसंबर 2018 को ‘विश्व मृदा दिवस’ मनाया गया. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य किसानों और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है. इस दिवस को खाद्य व कृषि संगठन द्वारा मनाया जाता है.

विश्व मृदा दिवस 2018 की थीम "मृदा प्रदूषण रोको" है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार विश्व की कुल एक तिहाई मृदा का क्षरण हो चुका है. मृदा के गुणवत्ता को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक मृदा प्रदूषण भी है. मृदा प्रदूषण का खाद्यान्न, जल तथा वायु पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, जो प्रत्यक्ष रूप से स्वास्थ्य को प्रभावित करता है.

मृदा प्रदूषण का प्रमुख कारण औद्योगिक प्रदूषण तथा ख़राब मृदा प्रबंधन है. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर बनाना है. यूएन की खाद्य एजेंसी के अनुसार, हमारे भोजन का 95 प्रतिशत हिस्सा मिट्टी से ही आता है.

प्रथम विश्व मृदा दिवस:

प्रथम विश्व मृदा दिवस 05 दिसंबर 2014 को संपूर्ण विश्व में मनाया गया था. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशक डॉ. रणधीर सिंह ने कहा कि खेती के तौर-तरीकों और वातावरण में हुए बदलाव का असर मिट्टी व पानी दोनों पर पड़ा है. यह कार्यक्रम मिट्टी के बारे में जागरूकता बढ़ाने और महत्वपूर्ण संसाधन के स्थायी उपयोग को बढ़ावा देने हेतु वर्ष भर मनाया जाएगा.

मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2015 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (एसएचसी) की शुरूआत की थी. इसके लिए भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय ने पूरे देश में 14 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) जारी करने का लक्ष्य रखा था.

विश्व मृदा दिवस:

विश्व मृदा दिवस की संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रत्येक वर्ष 05 दिसम्बर को मनाया जाता है. इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य किसानो और आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है.

विश्व के बहुत से भागों में उपजाऊ मिट्टी बंजर और किसानो द्वारा ज्यादा रसायनिक खादों और कीड़ेमार दवाईओं का इस्तेमाल करने से मिट्टी के जैविक गुणों में कमी आने के कारण इसकी उपजाऊ क्षमता में गिरावट आ रही है और यह प्रदूषण का भी शिकार हो रही है. इसलिए किसानो और आम जनता को इसकी सुरक्षा के लिए जागरूक करने की जरूरत है.

दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 68वीं सामान्य सभा की बैठक में पारित संकल्प के द्वारा 05 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का संकल्प लिया.

Vikash Tiwari is an content writer with 3+ years of experience in the Education industry. He is a Commerce graduate and currently writes for the Current Affairs section of jagranjosh.com. He can be reached at vikash.tiwari@jagrannewmedia.com
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