वर्ष 2014 में पिछले 66 लाख वर्षों में सर्वाधिक मानवीय कार्बन का उत्सर्जन हुआ है. इस तथ्य का पता 21 मार्च 2016 को नेचर जियोसाइंस पत्रिका में प्रकाशित लेख के अनुसार हवाई विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लगया गया.
इस अध्ययन में इस बात का भी अनुमान लगाया गया है कि कार्बन उत्सर्जन कि गति में भी अधिक वृद्धि हुई है तथा इसका मुख्य कारण समुद्र तल के नीचे ग्रीन हाउस गैसों के जमे हुए भंडारों से हो रहे कुछ गैसों का उत्सर्जन हैं.
इस शोध के अनुसार वर्तमान में मुख्य रूप से जीवाश्म ईंधन के जलने से कार्बन उत्सर्जन की दर 10 अरब टन प्रति वर्ष है. जबकि 56 लाख साल पहले के वनिस्पत 4000 वर्ष पूर्व कार्बन उत्सर्जन की दर प्रति वर्ष 1.1 अरब थी.
इस शोध में यह भी बताया गया है कि यदि उत्सर्जन की दर कम करने का प्रयास नहीं किया गया तो 21 वीं शताब्दी में तापमान में 4.8 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी की संभावना है. इसके साथ ही इसकी वजह से शक्तिशाली तूफान, बाढ़, सूखा आदि प्राकृतिक आपदाओं के कहर का सामना करना पड़ सकता है.

Comments
All Comments (0)
Join the conversation