हाल ही में ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ओआरएफ) तथा वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डब्ल्यूईएफ) ने ‘यंग इंडिया एंड वर्क’ नामक एक रिपोर्ट जारी की है.
इस रिपोर्ट के अनुसार भारत के 76 प्रतिशत युवा सरकार द्वारा चलाई जा रही युवा कौशल विकास योजनाओं में गहरी रुचि रखते हैं, जबकि 70 प्रतिशत युवाओं को इन सरकारी कौशल विकास योजनाओं का सटीक ज्ञान नहीं है.
रिपोर्ट के स्मरणीय तथ्य
• ओआरएफ तथा डब्ल्यूईएफ द्वारा किये गये इस अध्ययन में युवाओं का रोज़गार प्राप्ति के प्रति रुख पता लगाया गया.
• इस सर्वेक्षण में भारत के 15 से 30 वर्ष के 5,764 युवाओं को शामिल किया गया था. सर्वेक्षण में पता चला है कि लगभग तीन-चौथाई युवाओं ने कौशल विकास कार्यक्रम में कभी नामांकन नहीं कराया है.
• सर्वेक्षण के लिए आंध्र प्रदेश, असम, महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली के युवाओं से डेटा एकत्रित किया गया.
• अलग-अलग समूहों में किये गये इस सर्वेक्षण में प्रत्येक समूह के हर तीसरे युवा ने प्रशिक्षण में कम भागीदारी के पीछे आर्थिक तथा समय की कमी जैसी बाधाओं को स्वीकार किया.
• रिपोर्ट के अनुसार 26 से 30 वर्ष की महिलाओं का लगभग तीन-चौथाई हिस्सा सरकार द्वारा चलाए जा रहे कौशल योजनाओं से अनभिज्ञ है.
• सर्वेक्षण में पाया गया कि 60 प्रतिशत युवा उद्योगों और युवाओं के मध्य जुड़ाव को सरकारी कार्रवाइयों तथा नीति निर्माण का परिणाम मानते हैं.
• अध्ययन के निष्कर्षों से ज्ञात होता है कि उन औद्योगिक क्षेत्रों की संवृद्धि बहुत कम हुई है जिनकी तरफ युवाओं का झुकाव सबसे ज़्यादा होता है.
• आईटी, संचार और दूरसंचार क्षेत्र युवाओं के सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में उभरे हैं.
• पचास प्रतिशत से अधिक युवा सरकारी नौकरियों को वरीयता देते हैं, जबकि मात्र 23 प्रतिशत युवा ही निजी क्षेत्र की नौकरियों को वरीयता देते हैं.
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम |
वर्ल्ड इकॉनोमिक फोरम अथवा विश्व आर्थिक मंच स्विट्ज़रलैंड में स्थित एक गैर-लाभकारी संस्था है. इसका मुख्यालय जिनेवा में है. स्विस अधिकारीयों द्वारा इसे एक निजी-सार्वजनिक सहयोग के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में मान्यता दी गई है. इसका मिशन विश्व के व्यवसाय, राजनीति, शैक्षिक और अन्य क्षेत्रों में अग्रणी लोगों को एक साथ ला कर वैशविक, क्षेत्रीय और औद्योगिक दिशा तय करना है. इस फोरम की स्थापना 1971 में यूरोपियन प्रबंधन के नाम से जिनेवा विश्वविद्यालय में कार्यरत प्रोफेसर क्लॉस एम श्वाब द्वारा की गई थी. |
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